किसानों के लाल किला एक्शन पे..
जानिए क्या है..सरकार का रिएक्शन..??
नई दिल्ली: देश के किसान पिछले दो महीनों से कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे है। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली। ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों ने दिल्ली (Delhi) में जमकर तोड़फोड़ और तांडव मचाया। हद तो तब हुई जब दिल्ली के लालकिले पर किसानों का झुंड चढ़ गया और (निशान साहेब) का झंडा फहरा दिया। इस दौरान दिल्ली (Delhi) में पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हुई है। इस झड़प में एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
दिल्ली में मचे उत्पात के बाद सरकार इससे बेहद नाराज है और गृह मंत्रालय एक्शन में आ गया है। आज जो भी हो रहा है इससे पहले कभी नहीं हुआ, देश की राजधानी दिल्ली में वर्तमान हालात को देखते हुए पैरामिलिट्री फ़ोर्स की 15 कंपनियां तैनात करने का फैसाल लिया गया है। इसमें से 10 कंपनियां सीआरपीएफ की और 5 अन्य पैरामिलिट्री फोर्स तैनात होंगी। दिल्ली में पैरामिलिट्री के 1500 जवान तैनात किए जाएंगे, तो वहीं दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सभी जवानों को उपद्रवियों का पूरी शक्ति के साथ मुकाबला करने का आदेश दिया है।
पुलिस ने कहा कि आज के ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली पुलिस ने किसानों के साथ तय हुए शर्तों के मुताबिक काम किया और आवश्यक बंदोबस्त किए हैं। दिल्ली पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सूझबूझ का सहारा लिया, लेकिन आंदोलनकारियों ने तय शर्तों को नहीं माना और उत्पात मचाया है। पुलिस ने कहा कि आंदोलनकारियों ने तय समय से पहले ही अपना मार्च शुरू कर दिया और हिंसा के साथ तोड़फोड़ की।
अमित शाह ने बैठक में दिए निर्देश
हिंसा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने अहम बुलाई थी। इस बैठक में तत्काल प्रभाव से संवेदनशील जगहों पर सुरक्षाबलों की तैनात करने के निर्देश दिए। संवेदनशील जगहों में नांगलोई, आईटीओ और गाजीपुर शामिल हैं। इस बैठक में आईबी चीफ, गृह मंत्रालय के आला अधिकारी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर मौजूद रहे। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था कायम रखना हमारी पहली प्राथमिकता है।
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