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है लखपति.. लेकिन नहीं छूट रहा.. प्रधानमंत्री आवास का मोह..

है लखपति..
लेकिन नहीं छूट रहा.. 
प्रधानमंत्री आवास का मोह..




देश के प्रधानमंत्री ने गरीबों को उनके खुद के घर का सपना साकार करने के लिए एक अनोखी सौगात के तौर पर प्रधानमंत्री आवास योजना का तोहफा दिया था लेकिन खुद प्रधानमंत्री को इस बात का अहसास नहीं था कि यह योजना जिस गरीब तबके के इंसान के लिए लाई जा रही है वही इस योजना का लाभ पाने के लिए तरसता रहेगा बात थोड़ी सी अटपटी है लेकिन सच है एक सर्वे से पता चला है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवंटित किए गए अधिकतर मकान अपात्र हितग्राहियों के पास है जिन की विशेष जांच की जाए तो पूरा खुलासा हो सकता है वही अब इस आवास योजना का लाभ उठाने के लिए रसूखदार लखपति भी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं और खुद को प्रधानमंत्री आवास योजना का हितग्राही घोषित करने की जुगत में है।


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पीएमएवाई के आवेदकों की जांच में हुआ खुलासा


लंबे समय से आ रही शिकायतों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना पीएमएवाई के आवेदकों की जांच कराई गई इस जांच में काफी चौंकाने वाले तथ्य खुलकर सामने आए हैं जांच रिपोर्ट की मानें तो प्रधानमंत्री आवास के लिए 98000 से अधिक ऐसे लोगों ने भी आवेदन किया था जोशी के पात्र ही नहीं है सघन जांच में पता चला कि आवेदकों के पास खुद के पक्के मकान लग्जरी कार और कमाई के लाखों रुपए हैं जांच में हुए खुलासे के बाद ऐसे आवेदकों के आवेदन निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।


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सूडा-के निदेशक नदी विस्तृत जानकारी



पीएम आवास के लिए नामित नोडल एजेंसी राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) के निदेशक उमेश प्रताप सिंह ने बताया कि जांच में ऐसे आवेदकों की संख्या 5 लाख से अधिक होने की आशंका है. आवेदनों की जांच में करीब 98,465 ऐसे लोग मिले जिनकी सालाना कमाई मानक तीन लाख रुपये से कई गुना ज्यादा है।


सूडा की जांच में बहुत से ऐसे भी आवेदकों का भी पता चला है, जो पहले की कांशीराम आवास योजना समेत अन्य आवासीय योजनाओं में लाभ ले चुके हैं और अब पीएम आवास योजना में भी मकान हथियाने की जुगत में हैं। वर्ष 2017-18 में मिले आवेदनों की जांच पूरी हो चुकी है और अब इसी क्रम में अगले वर्षों में मिले आवेदनों की भी जांच शुरू की गई है।


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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार






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