जीएसटी चोरी करने वाले
हो जाएं सावधान
सरकार चला रही है
विशेष अभियान
जीएसटी चोरी करने वाले लोगों के खिलाफ सरकार अब शिकंजा कसते जा रही है प्राप्त जानकारी के अनुसार कई एजेंसियों से प्राप्त आंकड़ों और सूचनाओं के आधार पर जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ सख्ती का अभियान चलाया जा रहा है प्राप्त जानकारी के अनुसार इस अभियान के तहत 7000 उद्यमियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है जिसमें 187 को गिरफ्तार भी किया गया है वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने जानकारी देते हुए कहा कि इस अभियान के चलते सरकार के टैक्स राजस्व में तेजी से सुधार आया है सरकार को दिसंबर 2020 में 1.15 करोड़ रुपए की जीएसटी प्राप्ति हुई है। राजस्व के अब तक के आंकड़े में यह 1 महीने में प्राप्त होने वाली सबसे अधिक जीएसटी राशि है इसके लिए टैक्स चोरों के खिलाफ की जा रही कार्यवाही और अर्थव्यवस्था में आ रहा है सुधार को मुख्य वजह माना जा रहा है।
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फर्जी जीएसटी बिल पर लगाई जा रही नकेल
मुख्य सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया कि पिछले डेढ़ माह के दौरान जीएसटी के फर्जी बिलों के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही के चलते अब तक पास चार्टर्ड अकाउंटेंट और एक कंपनी सचिव सहित कुल 187 लोगों की गिरफ्तारियां की गई है उन्होंने कहा...
"इनमें से कई लोग जिनमें कुछ प्रबंध निदेशक भी हैं पिछले 40 50 दिन से जेल में है इनमें कुछ बड़ी कंपनियां भी शामिल है कई स्तरीय लेनदेन के जरिए अरिजीत लो के घोटाले में लिप्त पाई गई है ऐसा करिए कंपनियां जीएसटी और आयकर की चोरी कर रही थी इसलिए उनके खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं"
‘‘हमने 1.20 करोड़ के टैक्स आधार में से 7,000 टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस लिहाज से हमारी सफलता की दर काफी ऊंची है।’’
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इन विभाग व जांच एजेंसियों से मिले आंकड़ों पर की गई कार्यवाही
पांडे ने कहा कि जो भी कार्रवाई की गई है वह सरकार की विभिन्न एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर की गई है। इनमें आयकर विभाग, सीमा शुल्क इकाई और एफआईयू, जीएसटी विभाग तथा बैंक आदि शामिल हैं। यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ की गई जिन्होंने व्यवस्था का दुरुपयोग किया है। वित्त सचिव ने कहा कि हमने कई ऐसी मुखौटा कंपनियों का पता लगाया है जो कि करोड़ों रुपए के फर्जी बिल जारी करती है और कोई आयकर नहीं देती हैं और पूरी देनदारी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के जरिए चुका रही हैं। इस तरह की कंपनियां व्यवस्था का दुरुपयोग नहीं कर पाएं उसके लिए एक दुरुपयोग- रोधी प्रावधान किया गया है। इससे कुल मिलाकार 1.2 करोड़ करदाता आधार में से 45,000 से भी कम इकाईयों पर इसका असर होगा।
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