अगर समय रहते मिल जाता
पीएम आवास..
तो बच जाती दो मासूम की जान..
गरीबों को उनके अपने घर का सपना साकार करने वाली पीएम आवास योजना निचले स्तर के अधिकारियों की मनमानी के चलते अक्सर विवादों में रहती है। आलम तो यह है। कि सेटिंग के चलते अपात्र हितग्राही धड़ल्ले से इस योजना का लाभ उठा रहे है।और वाकई में जिन्हें इस योजना की दरकार है। उनका सपना...सपना ही रह जाता है। इस ही एक मामला मध्यप्रदेश में देखने को मिला जहां प्रधानमंत्री आवास योजना की आस लागये एक गरीब परिवार पर कच्चे घर की ऐसी आफत टूटी की उसके दो बच्चे सदा के लिए मौत की नींद में सो गए। आइए जानते है क्या है पूरा मामला...???
*है लखपति..* *लेकिन नहीं छूट रहा..* *प्रधानमंत्री आवास का मोह..*
कहाँ का है मामला..क्या है कहानी..??
मामला मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के किल्लौद विकासखंड के ग्राम नांदिया का है। जहां पीएम आवास का सपना देखते देखते हसीब खान के परिवार के दो बच्चे सदा के लिए मौत की नींद में सो गए। घटना तड़की सुबह 7:00 बजे की है। जब नांदिया ग्राम निवासी हसीब खान का पूरा परिवार अपने जर्जर कच्चे घर मे सो रहा था। तभी अचानक घर की एक दीवार सो रहे परिवार के ऊपर भरभरा के गिर गयी। इससे पहले की हसीब खान का परिवार संभल पाता। इस दुर्घटना में घर में सो रहे हसीब खान के दो बच्चे पुत्री गुलाब शाह और पुत्र आशिक सदा के लिए मौत की नींद में सो गए। घटना की सूचना लगते ही आनन-फानन में गांव वाले खट्टे हो गए और दुर्घटना में घायल हुए बच्चों को किल्लौद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया जहां बीएमओ डॉ धर्मेंद्र शर्मा ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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4 सालों से प्रधानमंत्री आवास के लिए चक्कर काट रहा था पीड़ित परिवार
घटना के बाद से ही पूरे गांव में मातम का माहौल छाया हुआ है और ग्रामीणों का गुस्सा अब जिम्मेदार अधिकारियों सरपंच और सचिव के ऊपर फूट रहा है प्राप्त जानकारी के अनुसार हसीब खान का परिवार पिछले 4 सालों से प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है हितग्राही होने के बावजूद भी हसीब खान को अधिकारियों द्वारा हर बार यह कहकर भगा दिया जाता था कि अभी वह प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए थोड़ा और इंतजार करें जब सरकारी आदेश आएंगे तब उन्हें सूचना दे दी जाएगी।
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दो नहीं बल्कि हादसे में हुई तीन मौतें
प्रथम दृष्ट्या हादसे में 2 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई थी। लेकिन बाद में अस्पताल से प्राप्त जानकारी के अनुसार हसीब खान की पुत्री गुलाब शाह गर्भवती थी। लिहाजा दुर्घटना में उसकी मौत होने के साथ ही उसके पेट में पल रहा नवजात शिशु भी दुर्घटना का शिकार हो गया। इस हिसाब से देखा जाए तो इस दुर्घटना में परिवार के 3 लोगों की मौतें हुई है। किल्लौद थाना प्रभारी अंजलि जाट सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंची थी जिसके बाद पटवारी भूपेन सिंह और बाद में तहसीलदार एसडीओपी ने घटनास्थल का मुआयना किया।
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आवास तो दूर दफन के लिए जमीन भी नसीब नहीं हुई
नादिया गांव में हुई यह दुखद दुर्घटना अपने पीछे सिस्टम के मुंह पर कालिख पोत गई है। इस दुर्घटना ने एक बात तो साफ कर दी है कि अधिकारियों की सांठगांठ के चलते रसूखदार लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ तो उठा लिया लेकिन वास्तविकता में जिन गरीबों को यह सुविधा मिलनी चाहिए वे अब भी इस सुविधा से अछूते हैं ग्राम नांदिया काफी पिछड़ा क्षेत्र कहलाता है जिसकी आबादी लगभग ढाई सौ परिवारों की है आलम तो यह है कि यहां लोगों के कफन दफन के लिए कब्रिस्तान तक नहीं है लिहाजा उन्हें दूसरे जिले जाकर अंतिम संस्कार की रसम अदा करनी पड़ती है।
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