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MP में किसान ने की आत्महत्या.. PM मोदी के लिए छोड़ा-नोट सुसाइड नोट में क्या है खास..??

MP में किसान ने की आत्महत्या..
PM मोदी के लिए छोड़ा-नोट
सुसाइड नोट में क्या है खास..??




देश का किसान इन दिनों सरकारी नीतियों से बेहद परेशान है। सरकारी तंत्र की मनमानियों और वादाखिलाफी के चलते किसानों की आत्महत्या करने का दौर जारी है।धरती का सीना फाड़ कर अपनी मेहनत की दम पर अनाज उगाने वाला किसान आखिर इतना मजबूर क्यों हो जाता है कि उसे आत्मघाती कदम उठाना पड़ता है। इस विषय मे जिम्मेदारों को गहन चिंतन करना चाहिए। वैसे तो सरकार द्वारा किसानों के उत्थान के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रहीं है। लेकिन जमीनी स्तर तक पहुंचते पहुंचते अक्सर ये योजनाएं धुंधली पड़ जाती है। नतीजतन परेशान किसान के पास अपनी जीवन लीला समाप्त करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता।आज के लेख में हम ऐसी ही एक विषम परिस्थितियों का जिक्र करने जा रहें है जिससे आहत होकर एक किसवां नए अपनी जीवन-लीला समाप्त कर ली..और जाते जाते सुसाइड नोट में  देश के प्रधानमंत्री के नाम एक संदेश छोड़ दिया...


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कहाँ का है मामला..??


किसान की आत्महत्या का यह मामला मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले से सामने आया है। जहां एक 35 वर्षीय ग्रामीण किसान मुनेंद्र राजपूत ने बिजली विभाग की प्रताड़ना से तंग आकर आत्मघाती कदम उठा लिया। लेकिन मरने से पूर्व उसने अपने सुसाइड नोट में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक संदेश भी छोड़ा है। जिसमे उसने अपने संघर्ष पूर्ण जीवन की व्यथा और अधिकारियों की मनमानी का जिक्र किया है।


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आत्महत्या के पीछे क्या है मुख्य कारण..??




प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित किसान के ऊपर बिजली विभाग का कुल 88 हजार रुपये कर्ज था। किसान के परिजनों के अनुसार बिजली का बिल 50 हजार रुपये था और इस पर बिजली विभाग द्वारा 38 हजाररूपयों की पेनाल्टी लगाई गई थी। जिसके चलते मृतक किसान काफी परेशान था।कोरोना महामारी के चलते आर्थिक रूप से टूट चुके किसान ने बिजली वितरण कंपनी के अधिकारियों की खूब मिन्नतें की लेकिन उनका दिल नहीं पसीजा।  और उसके ऊपर कुर्की करते हुए उसकी जीविकोपार्जन करने वाली आटा चक्की और मोटरसाइकिल जब्त कर ली गयी।इस बात से किसान को इतना सदमा पहुंचा की आत्मग्लानि में उसने आत्महत्या का कदम उठा लिया।


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जानिए क्या लिखा है..सुसाइड नोट में..??


विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर किसान ने आत्महत्या कर ली लेकिन मरने से पहले उसने अपनी सारी व्यथा और अपनी अंतिम इक्षा जाहिर करते हुए सुसाइड नोट में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक संदेश भेजा है..सुसाइड नोट में किसान ने अपनी आखिरी इक्षा व्यक्त करते हुए लिखा कि..




"माननीय प्रधान मंत्री जी मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि मेरे मरने के बाद मेरे शरीर के एक एक टुकड़े को बेचकर बिजली विभाग का कर्ज चुका दिया जाए। ताकि वे मेरे बाद वो मेरे परिवार को प्रताड़ित न कर सकें.."


सुसाइड नोट में किया अफसरशाही का जिक्र..


एक गरीब किसान पर अफसरों का कितना जोर चलता इस बाद का अंदाजा मृतक किसान के सुसाइड नोट से साफ झलकता है। जिसमे महज 88 हजार न चुका पाने में अफसरों की फौज ने किसवां पर ऐसे धाबा बोला मानों उसने कोई राष्ट्रदोह कर दिया हो।किसान ने नोट में लिखा


 "बड़े-बड़े राजनेता और व्यापारी घोटाले करते हैं, तब सरकारी कर्मचारी कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। अगर वो लोग बैंक से ऋण लेकर नहीं चुका पाते हैं, तो उनका ऋण माफ कर दिया जाता है। वहीं अगर कोई गरीब ऋण के तौर पर छोटी सी धनराशि लेता है, तो उससे कभी नहीं पूछा जाता कि वो ऋण चुका क्यों नहीं पा रहा है बल्कि उसे सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया जाता है।" 

 

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अब कौन उठाएगा..? तीन बेटियों और एक बेटे की जिम्मेदारी..??


आपको बता दें कि आत्महत्या करने वाला किसान अपने परिवार का भरण पोषण करने वाला एकलौता मुखिया था किसान के परिवार में उसकी तीन बेटियां और एक बेटा था और उन सभी की उम्र 16 साल से कम है अब ऐसे में सवाल ये उठता है की आगे पढ़े इस लंबे जीवन में उसके  परिवार का भरण पोषण किन हालातों में होगा। जबकि परिवार का मुखिया तो मौत की नींद में सो चुका है। बच्चों की समझ अभी इतनी कच्ची है की पिता के मरने के सदमे से उनका रो-रो कर बुरा हाल है। अब ऐसे में सरकारी तंत्र के ऊपर सबसे बड़ा सवालिया निशान यह खड़ा होता है की आखिरकार किसान के परिवार की जिम्मेदारी कौन उठाएगा..??


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सूचना पर पहुंची पुलिस ने मर्ग किया कायम..


किसान की आत्महत्या की खबर पूरे गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई आनन-फानन में ग्रामीणों द्वारा निकटवर्ती थाने में इस घटना की सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक  किसान के शव की पंचनामा कार्यवाही करते हुए उसे पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है। वही किसान की आत्महत्या के मामले में पुलिस हर पहलू पर जांच करने की बात कह रही है। एडिशनल एसपी समीर गौरव ने किसान की आत्महत्या के मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि मामले की विशेष जांच शुरू कर दी गई है मृतक किसान के पिता रिटायर्ड बिजली कर्मचारी हैं। परिजनों के अनुसार बिजली बिल ना देने पर विभाग के लोग कुर्की की कार्यवाही करते हुए किसान की बाइक और आटा चक्की ले गए थे। हो सकता है किसान की आत्महत्या करने के पीछे यही कारण हो बहराल किसान की आत्महत्या का कारण जांच का विषय है जांच के बाद ही दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी।


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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार

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