किसानों को बदनाम करने की
साजिश रच रही है दिल्ली पुलिस-
राकेश टिकैत...
नए कृषि कानूनों पर बने गतिरोध के चलते राजधानी दिल्ली से लगी गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डरों पर किसानों का आंदोलन आज 69वें दिन भी जारी है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इस बीच, राकेश टिकैत को मिल रहे भारी समर्थन के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर अब आंदोलन का केंद्र बिंदु बन गया है। वहीं, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मौजूद हैं। 26 जनवरी की घटना के बाद किसी तरह की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पुलिस ने सभी धरनास्थलों की पूरी तरह घेराबंदी कर दी है। धरनास्थलों के आस-पास कई लेयर की बैरिकेडिंग करके ऊपर कंटीली तारें बिछा दी गई हैं। सड़क पर टायर किलर्स लगाए गए हैं। इसके अलावा भारी तादाद में पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात कर दिए गए हैं।
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बिल वापसी से ही होगी घर वापसी
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि बिल वापसी ही घर वापसी है। सरकार को अपनी जिद छोड़कर तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे और एमएसपी पर कानून बनाना पड़ेगा। टिकैत ने आरोप लगाया है कि सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रच रही है।
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जानबूझकर परेशान करने किया गया है रास्ता बंद
टिकैत ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि शांतिपूर्ण धरने के बावजूद दिल्ली पुलिस ने रास्ता बंद कर दिया है ताकि को जनता को परेशान किया जा सके। उन्होंने कहा कि पुलिस रास्ते बंद कर रही है। एम्बुलेंस लेन में दो महीने से एम्बुलेंस चलती थी, उसे भी दिल्ली पुलिस ने बंद कर दिया। कंटीले तार लगा दिए। जिन सड़कों को हमने छोड़ रखा था, उन्हें भी बंद कर दिया है।
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जानबूझकर किसानों को बदनाम करने की जा रही साजिश
बीकेयू नेता ने कहा कि अगर विपक्ष हमारा समर्थन करने के लिए आ रहा है तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। अगर नेता आते हैं तो हम कुछ नहीं कर सकते। किसानों के आंदोलन द्वारा यातायात को अवरुद्ध नहीं किया गया है, यह पुलिस बैरिकेडिंग के कारण है। हमने सरकार को बता दिया कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। बातचीत भी चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि नौजवानों को बहकाया गया, उनको लाल किले का रास्ता बताया गया ताकि पंजाब की कौम बदनाम हो। किसान कौम को बदनाम करने की कोशिश की गई।
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यहां जानिए किन तीन बिलों का किया जा रहा है विरोध
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों - द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।
केन्द्र सरकार इन कानूनों को जहां कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।
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