"पोस्टर कालिख कांड"
दो प्रिंटिंग प्रेस की लड़ाई में..
भाजपा नेता के पोस्टर में पुती कालिख..
(विकास द्विवेदी सिंगरौली)
आपने अक्सर राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते राजनेताओं के पोस्टर में कालिख पोते जाने का मामला तो बहुत सुना होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं जिसमें दो प्रिंटिंग प्रेस की लड़ाई में एक भाजपा नेता के चेहरे वाले पोस्टर पर काली स्याही उड़ेल दी गई । हालांकि शुरुआती तौर पर यह है राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के चलते हुई घटना प्रतीत हो रही थी लेकिन बाद में गहन जांच के बाद पूरा खुलासा हुआ आइए जानते हैं क्या है पूरी घटना...
*साली को रंगे हाथ पकड़ने के बाद* *जीजा ने भी किया बलात्कार..* *10 साल बाद कंकाल ने खोला राज..*
जानिए कहां का है यह पूरा मामला..??
"पोस्टर कालिख कांड" से जुड़ा हुआ यह पूरा मामला मध्य प्रदेश के सिंगरौली से सामने आया है आपको बता दें कि बीते माह प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सिंगरौली आगमन पर उनके स्वागत के लिए जिले के भाजपाइयो द्वारा लगाए गए तमाम पोस्टर व फ्लैक्स में से *एक भाजपा नेता वशिष्ठ पांडेय* वाले पोस्टर व फ्लैक्स में घटना दिनांक 15 जनवरी की रात्रि साल्वेट केमिकल का घोल मिलाकर "पोस्टर कालिख काण्ड" को अंजाम दिया गया था। जिसे लेकर भाजपा नेता वशिष्ठ पांडे और उनके समर्थकों में खासा आक्रोश दिखाई दिया उपरोक्त घटना की निंदा करते हुए भाजपा नेता द्वारा इसकी शिकायत पुलिस विभाग के आला अधिकारियों से भी की गई जिसके बाद आनन-फानन में पूरे मामले की विशेष जांच करते हुए पूरे मामले का खुलासा किया गया है।
*यहां पोलियो ड्राप की जगह* *पिला दिया गया सैनिटाइजर* *तीन नर्स सस्पेंड...*
पुलिस ने किया पूरे मामले का खुलासा
"पोस्टर कालिख काण्ड" खुलासा करते हुए कोतवाली टी आई अरुण पांडेय ने बताया कि फरियादी वशिष्ट पांडेय द्वारा रिपोर्ट लिखवाई गयी थी कि, मुख्यमंत्री के आगमन पर बैढ़न शहर में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ लगे उनके फ़ोटो वाले फ्लैक्स व पोस्टरों में अज्ञात शरारती तत्वों द्वारा कालिख पोतकर उनकी छवि धूमिल करने का दुस्साहसिक प्रयास किया गया है। जिससे वह बहुत आहत है। टी आई श्री पांडेय ने आगे बताया कि सत्तारूढ़ पार्टी के एक सदस्य के साथ घटित घटना काफी गंभीर थी इसलिए एसपी वीरेन्द्र कुमार सिंह, ए एसपी अनिल सोनकर के दिशा निर्देश व सीएसपी देवेश पाठक के मार्गदर्शन में एक टीम गठित कर उसे विवेचना में लगा दिया।
पुलिस ने किया प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को गिरफ्तार
मामले की विवेचना के दौरान पुलिस को मुखवीर व अन्य सूचना तंत्र के माध्यम से पता चला कि "पोस्टर कालिख कांड" को अंजाम देने में आनंद प्रिंटिंग प्रेस बिलौजी के संचालक आशीष भरतिया पुत्र दिलीप कुमार भरतिया 36 वर्ष निवासी खड़िया बाजार (उ.प्र) एवं विक्रम सिंह पुत्र पवन सिंह उम्र 22 वर्ष निवासी शक्तिनगर (उ.प्र) का हाथ है। जिसके बाद पुलिस टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर जब कड़ाई से पूछताछ की तो गिरफ्तार युवकों ने उक्त घटना को अंजाम देना स्वीकार किया।
*किसानों को बदनाम करने की* *साजिश रच रही है दिल्ली पुलिस* *...राकेश टिकैत...*
गिरफ्तार युवकों ने बताई दो प्रिंटिंग प्रेस के आपसी रंजिश की कहानी
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए युवकों ने घटना को अंजाम देना स्वीकार करते हुए बताया कि "पोस्टर कालिख कांड" को अंजाम देने के पीछे उनका उद्देश्य किसी नेता की छवि को धूमिल करना नहीं था। आरोपियों ने स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री आवास के पास उनके द्वारा बनाए गए फ्लेक्स व पोस्टर्स को शाहवाल प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारियों ने फाड़ दिया था। जिसका रंजिशन बदला लेने शाहवाल प्रिंटिंग प्रेस द्वारा बनाए गए फ्लैक्स व पोस्टरो पर कालिख पोत कर उसका व्यवसायिक नुकसान करने के उद्देश से इस घटना को अंजाम दिया।
*क्या आप भी है..??* *डिप्रेशन के शिकार..* *डिप्रेशन और मानसिक तनाव दूर करने के* *रामबाण उपाय..*
गिरफ्तार युवकों पर दर्ज किया गया मामला
टी आई श्री पांडेय के अनुसार भले ही दोनों ने अपने व्यावसायिक रंजिश का बदला लेने कालिख कांड को मामूली कृत्य समझ अंजाम दिया लेकिन इस शरारत व दुस्साहस से एक संभ्रांत भाजपा सदस्य की छवि धूमिल हुई है।पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 153 के तहत कार्यवाही कर न्यायालय भेज दी है। घटना को अंजाम देने उपयोग में लाये गए स्विफ़्ट डिजायर कार क्रमांक up 64 ab 6309 व केमिकल को जप्त कर लिया गया है। उक्त कार्यवाही में *टी आई अरुण पांडेय के नेतृत्व में प्रधान आरक्षक अरविंद द्विवेदी, प्रमोद तिवारी, आर जितेंद सेंगर व श्याम सुंदर वैश्य* की सराहनीय भूमिका रही है।
*सरकार के बजट ने..* *शराबियों की तोड़ी उम्मीद..* *महंगा पड़ेगा..जाम लड़ाना..*
"पोस्टर कालिख कांड" से आहत- भाजपा नेता को मिली राहत*
गौरतलब हो कि कालिख कांड से भाजपा नेता वशिष्ट पांडेय जहां आहत थे वहीं क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाएं आम थी।सूत्रों की माने तो वशिष्ठ पांडेय आगामी मार्च में होने वाले नगर निगम चुनाव में महापौर का टिकट पाने असफल प्रयास के दौड़ में थे, जिससे कयास लगाए जा रहे थे कि हो ना हो यह शरारत पार्टी से जुड़े लोगों का अथवा विपक्ष के किसी नेता द्वारा अंजाम दिलवाया गया होगा। बरहाल कोतवाली पुलिस के कालिख कांड का पर्दाफाश करने से भाजपा नेता ने राहत की सांस लिया।
*दिव्यांग भिखारिन से पुलिस ने मांगी घूंस..* *बेटी तलाशने गाड़ी में डलवाया डीजल..*
नोट-विकास की कलम अपने पाठकों से अनुरोध करती है कि आप अपने सुझाव हम तक जरूर भेजें..
ताकि आने वाले समय मे हम आपकी मदद से और भी बेहतर कार्य कर सकें। साथ ही यदि आपको लेख अच्छा लगे तो इसे ओरों तक भी पहुंचाए।