Vikas ki kalam

"अनुराग गृह निर्माण समिति" में अनियमितताओं का अंबार ... खुद समिति के सदस्य खोल रहे पोल..

"अनुराग गृह निर्माण समिति" में अनियमितताओं का अंबार ...
खुद समिति के सदस्य खोल रहे पोल..




जबलपुर के कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचे अनुराग गृह निर्माण समिति के सदस्यों ने अपनी ही समिति को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है और इसके साथ ही उन्होंने समिति के वरिष्ठ पदाधिकारियों की विशेष जांच किए जाने की मांग जिला दंडाधिकारी महोदय से की है। गौरतलब हो कि समिति के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा बंदरबांट किए जाने की शिकायत खुद ही समिति सदस्यों ने स्थानीय स्तर से लेकर भोपाल तक की है लेकिन अपनी ऊंची पहुंच के चलते हर बार वे बचते चले आ रहे है। और तो और शिकायत कर्ताओं को सच उजागर करने की सजा यह मिली कि उल्टे उन्हें ही समिति ने पद से बर्खास्तगी का नोटिस थमा दिया।हर दर से निराश समिति सदस्यों ने कलेक्टर जनसुनवाई में पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है।


जानिए क्या है...पूरा मामला..???


आपको बता दें कि अनुराग गृह निर्माण  सहकारी समिति मर्यादित 603 /1, सन्मति नगर अधारताल जबलपुर पंजीयन संख्या 222 मैं समिति के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्लाटों के आवंटन के नाम पर जमकर अनियमितता बरती गई है जहां पर सहकारी सोसायटी अधिनियम को ताक पर रखते हुए गैरकानूनी तरीकों से ना केवल प्लाटों का आवंटन कर दिया गया बल्कि शासन के नियमों कानूनों को भी तोड़ मरोड़ कर खुद को लाभान्वित करने का काम समिति के पदाधिकारियों द्वारा किया गया है उपरोक्त विषय का खुलासा करते हुए समिति के सदस्यों ने अब जिला कलेक्टर से विशेष जांच किए जाने और समिति सदस्यों को न्याय दिलवाने की मांग की है।


अनुराग गृह निर्माण समिति पर लगे हैं यह आरोप


अनुराग गृह निर्माण समिति द्वारा प्लाट आवंटन पूर्व विभिन्न संबंधित विभागों द्वारा आवश्यक वंचित अनुमति भी प्राप्त नहीं की गई है। गौरतलब हो कि प्रश्न अधीन भूमि का उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण क्रमांक डब्ल्यूपी/7341/2005 प्रचलन में है बावजूद इसके समिति द्वारा प्लाटों के विक्रय का निष्पादन प्रारंभ कर दिया गया


समिति द्वारा अपने स्तर पर मध्य प्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के अध्याय 8 में वर्णित सोसाइटी के विशेष उपबंध अंतर्गत धारा 72 का दुरुपयोग कर मनमाने ढंग से प्लाटों का आवंटन कर उनके पंजीयन की प्रक्रिया प्रारंभ करनी शुरू कर दी है।


समिति ने अपने कुछ प्रभावी सदस्यों के हित संवर्धन हेतु उनके पारिवारिक सदस्यों को समिति निर्माण काल के काफी अंतराल के पश्चात अनाधिकृत रूप से सदस्य बनाकर उन्हें वरिष्ठता की श्रेणी में लाकर वरिष्ठ ओके प्लाट आवंटन के स्थान पर नवीन सदस्यों को प्लॉट आवंटित कर दिए हैं


हमें धार्मिक प्लाट आवंटन अंतर्गत उनके पंजीयन की प्रक्रिया प्रारंभ करने हेतु प्रयास किए जा रहे हैं परंतु समिति वैधानिक रूप से संबंधित अधिकृत संस्थाओं जैसे कि टीएनसीपी नगर निगम और जेडीए आदि संस्थाओं से कोई भी स्वीकृति या अनुमति प्राप्त नहीं की है।



उपरोक्त तमाम विषयों पर समिति के ही सदस्यों द्वारा जिला कलेक्टर का ध्यान आकर्षण करते हुए यह अपील की गई है कि समिति द्वारा वर्तमान में प्लाटों के विक्रय निष्पादन प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाकर उनके द्वारा किए जा रहे अवैधानिक कार्यों की जांच कर उन्हें तदानुरूप दंडित कर उचित न्याय किए जाने की कृपा करें ताकि हितग्राहियों के अधिकारों की सुरक्षा हो सके।



नोट-विकास की कलम अपने पाठकों से अनुरोध करती है कि आप अपने सुझाव हम तक जरूर भेजें..


ताकि आने वाले समय मे हम आपकी मदद से और भी बेहतर कार्य कर सकें। साथ ही यदि आपको लेख अच्छा लगे तो इसे ओरों तक भी पहुंचाए।


विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार



एक टिप्पणी भेजें

If you want to give any suggestion related to this blog, then you must send your suggestion.

और नया पुराने