शिवराज के मंत्री की दुत्कार से आहत
केंसर पीड़ित ने की आत्महत्या..
ग्वालियर।
मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एवं ग्वालियर शहर के लिए स्थानीय मुख्यमंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के दरबार में अपने इलाज की अर्जी लगाने का सपना देखने वाले एक पीड़ित ने बार बार मिल रही दुत्कार से तंग आकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने का फैसला कर लिया।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के पॉलिटिकल स्टंट से आप बखूबी वाकिफ हैं। मंत्री जी कभी गंदे नालों में उतर कर सफाई करते हुए दिखाई देते हैं या फिर कभी गरीबों के साथ जमीन में बैठकर भोजन करते हुए लेकिन आज जिस घटना के विषय में हम आपको बताने जा रहे हैं वह राजनीतिक चेहरों की असली सच्चाई को साफ-साफ बयान करती है। जहां मदद मांगने के लिए आने वाले कैंसर से पीड़ित एक गरीब को मदद करना तो दूर, मुलाकात तक नहीं की। बंगले का गार्ड दुत्कार कर भगा देता था। आहत गरीब कैंसर पीड़ित ने आत्महत्या कर ली।
घटना ग्वालियर के लवकुश नगर में रविवार रात की है। बलराम शाक्य (65) ने रविवार रात अपने कमरे में लोहे की कील से साफी का फंदा लटकाकर फांसी लगा ली। परिजन उन्हें चाय देने पहुंचे तो वह फंदे पर लटके हुए थे। परिजन ने बलराम को नीचे उतारा, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। परिजनों ने बताया कि बलराम कैंसर से पीड़ित थे। बीमारी के कारण उनके शरीर में कीड़े पड़ने लगे थे। वह काफी समय से परेशान थे। गरीबी की वजह से अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया था। इसी से हताश होकर बलराम ने यह कदम उठाया है।
1 महीने से मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के चक्कर लगा रहे थे
1 महीने से मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के चक्कर लगा रहे थे
अक्सर साइकिल पर निकलकर लोगों से रूबरू होने वाले और गरीबों की मदद के लिए हर समय तैयार रहने का दावा करने वाले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह पर इस बार गंभीर आरोप लगे हैं। बलराम के छोटे बेटे विष्णु शाक्य ने आरोप लगाया है कि एक महीने से पिता को लेकर ऊर्जा मंत्री से मिलने के लिए चक्कर लगा रहे थे। उनके घर और बंगले तक गए लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने हमें दुत्कार दिया। हमने सोचा था कि ऊर्जा मंत्री कुछ आर्थिक सहायता करा देंगे, जिससे इलाज में आसानी हो जाएगी। पर उनके पास हमसे मिलने का समय ही नहीं था। बेटे ने कहा कि बीमारी से ज्यादा पिता ऊर्जा मंत्री के नहीं मिलने से हताश हो चुके थे।
मंत्री के बंगले के सामने शव रखकर प्रदर्शन किया
कैंसर का पता चलने के बाद जब दवाइयों को खाने में भूल हो जाती थी तो बलराम ने कुछ समय पहले ही दीवार में एक कील ठोंकी थी। उसके साथ उसने दवा खाने का टाइम टेबल लगा रखा था। उसी कील पर फांसी का फंदा बनाकर बलराम शाक्य ने आत्महत्या कर ली। बलराम शाक्य की मृत्यु के बाद परिजनों ने उनका शव मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले के सामने रखकर प्रदर्शन किया।
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