डॉक्टर नहीं कातिल हैं ये..
तुमको बददुआ लगेगी.. मामा
पीड़िता की वीडियो वायरल
राजधानी भोपाल के जयप्रकाश (JP)अस्पताल की अव्यवस्थाओं के खिलाफ एक बेटी ने संभाला मोर्चा भोपाल की रहवासी का कहना है कि हमारा क्या कुसूर है कि हम उम्मीदों के साथ अस्पताल पहुंचते हैं, अपनों के स्वास्थ की कामना और उम्मीद करते हैं और बदले में डॉक्टरों और स्टॉफ की लापरवाही एक जीते-जागते इंसान को लाश में तब्दील करके सौंप देते हैं। ये जान बचाने वाले डॉक्टर या इंसानों के लिए मसीहा नहीं, बल्कि कई लोगों के हत्यारे हैं, इन्हें सख्त से सख्त सजा मिलना ही चाहिए...।
राजधानी भोपाल की एक बेटी प्रियंका रजक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर रविवार से वायरल हो रहा है। जेपी अस्पताल की घटना के बाद अपने दर्द को गहरा पाते हुए प्रियंका ने अपनी पीड़ा इस वीडियो के जरिए बयां की है। प्रियंका का कहना है कि करीब 6 माह पहले वे अपनी मां संतोष रजक को लेकर जेपी अस्पताल पहुंची थीं। लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही और स्टॉफ की अनदेखी ने उसकी मां की जान ले ली।
प्रियंका आरोप लगाते हुए वीडियो में कह रही हैं कि डॉ. प्रभाकर तिवारी, योगेन्द्र श्रीवास्तव, बीके दुबे, आरके तिवारी और अस्पताल का स्टॉफ उनकी मां का कातिल है। इस अव्यवस्था को लेकर प्रियंका ने सीएम सचिवालय, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग समेत सभी विभागों में शिकायत की और न्याय के लिए दरवाजा खटखटाया। उसकी मांग में अपनी मां के कातिलों को सजा देने की गुहार थी। प्रियंका कहती हैं कि अगर उसकी शिकायत गलत होती या उसकी बातें महज कोई आरोप होते तो राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग इस पर संज्ञान नहीं लेता और न ही किसी को इस मामले में नोटिस जारी करता। वायरल वीडियो में प्रियंका ने कहा है कि उसके आवेदन पर अल्पसंख्यक आयोग ने स्वास्थ आयुक्त और भोपाल एसपी को समन भेजकर तीन दिन में अपना जवाब पेश करने के लिए निर्देशित किया है। साथ ही दोषी अधिकारियों और स्टॉफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए भी कहा है। प्रियंका ने अपने वीडियो के अंत में कहा है कि वे हारी हुई बेटी नहीं बनना चाहती, अपनी मां के कातिलों को सजा दिलाने के पीछे उसका मकसद यह है किभविष्य में इस तरह के मामलों की पुनर्रावृत्ति न हो और लापरवाही से किसी की जान न जाए।
*(वायरल वीडियो)*