मोखा...खोखा..और.. धोखा
पार्ट-2
देवेश बांच रहा..नकली इंजेक्शन का पुराण..
मोखा की पत्नी/बेटे भी बन रहे यजमान..
संस्कारधानी जबलपुर में एक अस्पताल संचालक द्वारा चलाए जा रहे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के घिनौने कारोबार की एक-एक परत उधड़ती सी नजर आ रही है। आपको बता दें कि गुजरात के मोरबी में जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन के नकली प्रारूप को बनाने का कारखाना संचालित किया जा रहा था। गुजरात पुलिस ने जब इस नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की फैक्ट्री का भांडाफोड़ किया। तो उन्हें खुद भी इस बात का अहसास नहीं था कि मामला इतना पेचीदा हो जाएगा। गुजरात पुलिस ने पूछताछ में पाया कि नकली इंजेक्शन का कारोबार एमपी के जबलपुर में भी फल फूल रहा था। जिसके बाद एक एक कड़ी जोड़ते हुए गुजरात पुलिस मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में आ धमकी। प्रारंभिक कार्यवाही में पुलिस ने दवा व्यापारी सपन जैन और सिटी हॉस्पिटल के मैनेजर देवेश चौरसिया को गिरफ्तार करते हुए पूछताछ शुरू की है। आपको बता दें कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कारोबार में संलिप्तता पाए जाने पर सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
देवेश सुना रहा महापुराण.. मोखा की पत्नी और बेटे सहित कई यजमानों का खुलासा
जैसा की विधित हो पुलिस द्वारा देवेश चौरसिया को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था और फिर एसआईटी के विनम्र निवेदन पर सिटी अस्पताल के मैनेजर देवेश चौरसिया ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कारोबार के महापुराण की गौरव गाथा सुनाना शुरू कर दिया है। अब जैसे-जैसे कथावाचक देवेश चौरसिया जी 1-1 अध्याय सुना रहे हैं। वैसे वैसे इस महा आयोजन में एक-एक करके यजमानों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है।गिरफ्तार देवेश ने जैसे ही नकली इंजेक्शन के कारोबार में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के साथ उनकी पत्नी और बेटे सहित मैनेजर सोनिया का जिक्र किया वैसे ही एसआईटी ने सोमवार की देर रात सरबजीत मोखा की पत्नी व मैनेजर को गिरफ्तार करते हुए अपना मेहमान बना लिया है। इसके अलावा मोखा के फरार बेटे हरकरण की तलाष में टीम दबिश देने की तैयारी कर रही है। आपको बता दें कि देवेश से प्राप्त जानकारी के आधार पर पुलिस लगातार शिकंजा कस रही है।एसआईटी ने मामले में सरबजीत मोखा की पत्नी जसमीत और मैनेजर सोनिया खत्री को नोटिस देकर तलब किया था और पूछताछ के बाद देर रात दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
सोनिया ने घर तक भिजवाए नकली इंजेक्शन, फिर मोखा ने पत्नी के साथ मिलकर मिटाए सबूत..
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कारोबार के मुख्य अभियुक्त सरबजीत सिंह मोखा की खास राजदार मैनेजर सोनिया खत्री और उसकी पत्नी जसमीत मोखा को पुलिस ने नोटिस देकर शाम को तलब किया था। दोनों से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। सोनिया ने बताया कि 7 मई को आधारताल निवासी दवा व्यापारी सपन जैन की गिरफ्तारी के बाद रात में उसने ही नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन देवेश के माध्यम से सरबजीत मोखा के घर भिजवाए थे। जिसके बाद सरबजीत सिंह मोखा और उनकी पत्नी द्वारा उन तमाम नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को नष्ट करते हुए सबूत मिटाने की बात सामने आई है। एसआईटी के हाथ लगे यह अहम सबूत और बयानों के आधार पर देर रात पुलिस ने मामले में दोनों को गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को दोनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बाप की करतूत में बेटा भी साझेदार..
मामले की भनक लगते ही बेटा हुआ फरार...
एसआईटी सूत्रों की मानें तो रिमांड पर लिए गए देवेश चौरसिया और इंदौर में गिरफ्तार प्रखर कोहली ने नकली रेमडेसिविर मामले में सरबजीत मोखा के बेटे हरकरण का नाम लिया है। इसके बाद से ही एसआईटी टीम हरकरण की तलाश में जुटी है। उधर, 19 मई तक एसआईटी द्वारा रिमांड पर लिए गए देवेश चौरसिया से कई अहम खुलासे हुए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के पुत्र हरकरण द्वारा ही अपने एक मित्र की आईडी का इस्तेमाल करते हुए इंदौर से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप बुलवाई गयी थी।
मैनेजर सोनिया के बारे में पता चला है कि वह मोखा के हर राज की साझेदार है। 2014 से मोखा ने उसे फ्लैट दे रखा है। जबकि मोखा के पुत्र हरकरण की कई बार गुजरात व इंदौर में आरोपियों से मोबाइल पर बात हुई है, जिसके आधार पर उसे भी आरोपी बनाया जा सकता है।
अस्पताल में मरीजों के दस्तावेज से भी छेड़छाड़ कर सबूत मिटाने के प्रयास
जबलपुर के नागरथ चौक स्थित सिटी हॉस्पिटल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के काले कारोबार को संचालित किया जा रहा था। जिसे लेकर अब अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों पर इन इंजेक्शनों के इस्तेमाल किये जाने की आशंका प्रबल होती जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 20 अप्रैल के बाद से अब तक सिटी अस्पताल में 460 कोविड संक्रमितों का इलाज हुआ। इसमें से जहां कई लोग ठीक हुए हैं। वहीं कुछ की मौत भी हुई है। मरीजों और उनके परिजनों से एसआईटी बयान दर्ज करने में जुटी है। कई परिजन खुद बयान दर्ज कराने पहुंच रहे हैं। जब्त दस्तावेजों की जांच में पता चला है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा सबूत मिटाने के लिए उनमें छेड़छाड़ की गई। कोरोना संक्रमित कई मरीजों के उपचार संबंधी दस्तावेजों में बड़ी सावधानी से रेमडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग को मिटाने की कोशिश की गई। ऐसे तमाम दस्तावेज एसआइटी ने जब्त किए हैं जिनमें छेड़छाड़ करने के प्रमाण मिले हैं।
और भी कई बड़े दिग्गज बन सकते हैं यजमान...
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसआईटी के प्रांगण में देवेश जी महाराज जिस तन्मयता के साथ नकली रेमडेसिविर कांड का महापुराण सुना रहे हैं उसे देख कर तो लगता है कि आने वाले समय में इस कारोबार से जुड़े जिले और प्रदेश के कई बड़े दिग्गज बेनकाब हो सकते है। और यदि पुलिस के हाथ पुख्ता सबूत लगते हैं तो वह उन दिग्गजों को भी इस महा आयोजन में यजमान बना सकती है। फिलहाल इस महापुराण में सिर्फ जिले की जनता ही नहीं देश भर की जनता दिलचस्पी दिखाने लगी है अब देखना यह है की जबलपुर जिले में बैठा सिटी अस्पताल का संचालक सरबजीत सिंह मोखा क्या वाकई में इस महा आयोजन का मुख्य यजमान है या फिर पर्दे के पीछे से कोई बड़ी ताकत इस पूरे आयोजन को संचालित कर रही थी।