आजादी के 75 वर्ष बाद भी यहां नहीं पहुंची बिजली
खाली खंबे बयान कर रहे दास्तान...
बैतूल- मध्यप्रदेश
आज का युग तकनीक और विज्ञान का युग है हमारी दैनिक दिनचर्या में 80 से 90% इन्हीं तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल होता है। एक ओर जहां देश चांद के बाद अब मंगल पर उतरने की तैयारी कर रहा है। वही मध्य प्रदेश में एक गांव ऐसा भी है जहां पर आजादी के 75 साल बीत जाने के बावजूद आज तक बिजली नहीं पहुंची। बात सुनने में थोड़ी अटपटी जरूर लगती है लेकिन सच है आइए जानते हैं इस गांव की कहानी खुद गांव वालों की जुबानी...
आखिर कहां का है मामला...
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले से तकरीबन 90 किलोमीटर दूर भीमपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत कुनखेड़ी के ग्राम पालंगा में आजादी के 75 वर्ष बाद भी बिजली के लिए इस गांव के रहवासी तरस रहे हैं। जैसे तैसे गांव वालों ने जिम्मेदारों थे मिन्नते करके गांव में बिजली लाने के लिए आंदोलन किया हमेशा की तरह कुछ राजनेताओं और अधिकारियों ने गांव वालों के विरोध प्रदर्शन को शांत करने के लिए गांव में बिजली लाने का आश्वासन भी दे दिया। लेकिन राजनैतिक आश्वासनों पर कितना अमल किया जाता है इस बात का जीता जागता उदाहरण यह गांव है। आलम यह है कि जहां महज खंबे लगाकर बिजली कम्पनी के अधिकारी गांव का रास्ता भूल गए हैं।
दीए की रोशनी के सहारे चल रहा कारोबार
आजादी के 75 वर्ष बाद भी इस ग्राम में बिजली दिखाई नहीं देती ग्रामीणों से हमने जाना कि उन्हें क्या परेशानियां होती हैं तो उन्होंने अपनी परेशानियां साझा करते हुए बताया कि एक तरफ जहां दीए की रोशनी का सहारा लेना पड़ रहा है वही बच्चों को पढ़ाई के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती है महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा समस्याएं बढ़ती जा रही हैं उन्हें अनाज पीसने से लेकर पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है ग्राम का आलम यह है कि कुछ वर्ष पहले यह ठेकेदार ने बिजली आने का सपना तो दिखाया था लेकिन खंबे लगाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली वहीं दूसरी तरफ चुनाव के समय नेता खाली वोट मांगने आते हैं जनता की इस तकलीफ से नेताओं का कोई वास्ता नजर नहीं आता।