मोखा...खोखा..और.. धोखा
नकली रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का
पूरा सच...
ख़बर के शीर्षक से ही आप समझ गए होंगे कि यह ख़बर किन किन बिंदुओं के इर्द-गिर्द घूमने वाली है।लेकिन संस्कारधानी में हुए इस महापाप को लेकर आम जनता काफी नाराज है।
इस कहानी के नायक का नाम सरबजीत सिंह ..मोखा है। पेशे से यह एक बिल्डर,अस्पताल संचालक, कभी कभी समाजसेवी और विहिप के एक जिम्मेदार पदाधिकारी भी है। लेकिन इतनी सारी योग्यताओं के बीच एक और हुनर इनके नाम के साथ जुड़ गया है। जिससे मानवता के साथ साथ पूरी संस्कारधानी भी शर्मसार हो गयी है।
रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में जबलपुर कनेक्शन..
कहने को तो गुजरात के मोरबी में रेमेडेसिविर इंजेक्शन की नकली फैक्ट्री पर कार्यवाही हुई। लेकिन कार्यवाही की आंच में जबलपुर की प्रतिष्ठा भी भस्म होनी शुरू हो गयी। दरअसल फैक्ट्री के कर्मचारी सुनील मिश्रा ने पुलिस पूछताछ में शहर के एक नामी गिरामी दवा व्यापारी का नाम कबूल किया। और फिर गुजरात एसटीएफ एक एक धागा सुलझाते हुए जबलपुर निवासी सपन जैन तक पहुंच गए।और फिर जो खुलासा हुआ उसे सुनकर कोरोना भी शर्मसार हो गया।
मोखा के इशारे पर जबलपुर आये नकली इंजेक्शन...
गुजरात एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए दवा व्यापारी सपन जैन ने एक हलफनामे में खुलासा करते हुए अपने बयान दर्ज कराए है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा ने नकली फैक्ट्री के कर्मचारी सुनील से सपन जैन की कनेक्टिविटी कराई। जिसके बाद सपन फर्जी बिल वाले नकली रेमेडेसिविर इंजेक्शन और दवाएं लेकर जबलपुर पहुंचा।
खोखा..की चाहत ने रचा...
धोखा..का चक्रव्यूह...
मुम्बईया कार्पोरेट भाषा मे एक करोड़ को "खोखा"शब्द से संबोधित किया जाता है।और मिट्टी मोल नकली इंजेक्शन को असली बताकर मोटी रकम वसूलते हुए करोड़ो के वारे-न्यारे करने का सपना ये धोखेबाज पहले ही देख चुके थे। लेकिन ये सपना सच हो पाता इससे पहले ही गुजरात की फैक्ट्री का भांडाफोड़ हो गया। और एक एक करके सारे सफेदपोश चेहरे बेनकाब होते चले गए। खोखे की चाहत में एक ओर जहां आमजनता के साथ धोखे की साजिश रची जा रही थी। वहीं इस पूरी कहानी में एक और धोखे का खुलासा हुआ है।
गुजरात पुलिस की गिरफ्त में आये सपन जैन के सनसनी खेज खुलासों के साथ साथ आरोपी के चाचा सत्येंद्र जैन जो खुद भी दवा व्यवसायी है। उन्होंने भी एक चौकाने वाला राज खोल कर रख दिया।
अपने बयान में उन्होंने सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा पर आरोप लगाया है कि सपन दवा सप्लाई का काम करता है। और इस सिलसिले में उसकी करीब 70 लाख की रकम सिटी हॉस्पिटल में फँसी हुई थी। सपन ने जब अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा से बकाया रकम माँगी तो अस्पताल संचालक ने उसके सामने इस पूरे गोरखधंधे की पेशकश रख दी। सत्येंद्र जैन के अनुसार उसके भतीजे सपन जैन को सूरत से नकली रेमडेसिविर लाने कहा गया था।
जबलपुर पुलिस ने भी कसा शिकंजा... एक एक बात की बारीकी से जांच...
गुजरात एसटीएफ़ की तफ्तीश के साथ-साथ जबलपुर पुलिस भी इस पूरे मामले को लेकर अलर्ट मोड में आ चुकी है। आपको बता दें कि इस बात की जांच हो चुकी है कि गुजरात के सूरत जिले से नमक और ग्लूकोस के घोल से तैयार किए गए 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को जबलपुर के सिटी अस्पताल में लाया गया था। पूछताछ पर पाया गया कि 23 एवं 28 अप्रैल को अम्बे ट्रेवल्स के माध्यम से इंदौर से रेमडेसिविर इंजेक्शन के दो कार्टून जबलपुर आये थे। जिसे सरबजीत सिंह मौखा के कहे अनुसार देवेस चौरसिया लेने के लिये गया था।जिसे दमोहनाका स्थित अम्बे ट्रांसपोर्ट से प्राप्त कर सिटी अस्पताल लाकर सरबजीत सिंह मोखा के कक्ष मे रखा गया था। उक्त दवाओं का भुगतान सपन जैन के द्वारा किया गया। परंतु इस सबंध मे सिटी अस्पताल द्वारा कोई रिकार्ड संधारित नही किया गया। इस बात की पूरी तस्दीक हो जाने के बाद जबलपुर पुलिस ने सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा उनके मैनेजर देवेश चौरसिया और ड्रग डीलर सपन जैन के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत ओमती थाने में मामला दर्ज कर लिया है। इनमें से मैनेजर देवेश चौरसिया को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। वहीं सपन जैन को पूर्व में ही गुजरात पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया था और अब जबलपुर पुलिस सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा को गिरफ्तार करने के लिए उनकी तलाश कर रही है। एडिशनल एसपी रोहित काशवानी ने बताया कि गुजरात पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर जबलपुर पुलिस ने यह कार्यवाही की है और नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को खरीदने और उन्हें मरीजों को लगाने के तमाम सबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं।इसी आधार पर कार्यवाही की जा रही है।
संबंधित संस्थानों को किया गया सील
इस गोरखधंधे का खुलासा होने पर स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और आनन-फानन में सीएसपी आरडी भारद्वाज, ड्रग इंस्पेक्टर मनीषा धुर्वे की मौजूदगी में सपन जैन की दवा बाजार स्थित भगवती फार्मा सेल्स व मॉडल रोड स्थित सत्यम मेडिकोज नामक दुकानों को सील किया गया। वहीं अधारताल पुलिस ने सपन के चाचा सत्येंद्र जैन के सत्येंद्र मेडिकोज को सील किया है। बहरहाल नकली इंजेक्शन जबलपुर में और किन किन अस्पतालों या दवा दुकानों में बेचें गए है। इस बाद कि बारीकी से जांच की जा रही है।
विश्वहिंदू परिषद (विहिप) ने किया मोखा से किनारा...
जबलपुर में आपदा को अवसर बनाते हुए नकली इंजेक्शन के कारोबार में संलिप्त सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा को विश्व हिंदू परिषद ने संगठन के सभी दायित्वों से मुक्त कर दिया है। आपको बता दें कि मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस में मामला दर्ज होते ही विहिप संगठन के पदाधिकारियों ने मोखा के नाम से किनारा करते हुए उन्हें संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सरबजीत सिंह मोखा जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद के नर्मदा जिला के अध्यक्ष थे।विहिप के प्रांत मंत्री राजेश तिवारी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि... उन्हें जानकारी मिली कि सरबजीत सिंह मोखा का नाम नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के लेनेदेन में सरबजीत सिंह मोखा की संलिप्तता पाई गई है। और अब इस बात को लेकर के कुछ लोगों द्वारा संगठन पर भी तरह-तरह की बातें की जा रही हैं। चूंकि कोरोना संक्रमण की वजह से संगठन की नियमित बैठक नहीं हो रही है। ऐसे में संगठन मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के साथ पूरे प्रकरण को लेकर विचार विमर्श किया गया था। जिसके आधार पर ही निर्णय लिया गया है कि मोखा को सभी दायित्व से मुक्त किया जाए।
शिवराज बोले...ऐसे लोगों को जानवर कहना..जानवर की तौहीन है...
जबलपुर पहुंचे प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने उपरोक्त मामले में कहा कि...
जिस समय हर मरीज को बेहतर से बेहतर इलाज दिया जाना चाहिए उस समय कुछ लोग नकली दवाई और नकली इंजेक्शन के शर्मनाक कारोबार में सन लिप्त पाए जा रहे हैं ऐसे लोग हकीकत में नर पशु है..अगर उन्हें जानवर भी कहा जाएगा तो यह शब्द जानवरों के लिए तोहीन होगी।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जो भी नकली दवाई या इंजेक्शन के अपराध में शामिल होगा। उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी और उसे किसी भी कीमत में बख्शा नहीं जाएगा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ रासुका की भी कार्रवाई की जा रही है । साथ ही उनकी संपत्तियों को भी नीलाम कर उन्हें कठोर से कठोर दंड दिया जाएगा......
सिटी हॉस्पिटल का नाम नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि..
इस पूरे घटनाक्रम से मैं अच्छी तरह वाकिफ हूं।इस मामले को लेकर एक अलग से टीम गठित की गई है, जिसकी मैं स्वयं निगरानी रखा हुआ हूं और जांच की उनसे रोजाना जानकारी भी लेता रहूंगा.......