अस्पताल से कोविड पेशेंट के गहने चोरी..
जज की कोविड पीड़ित पत्नी की मौत के बाद हंगामा..
मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से सामने आया है जहां ग्वालियर के एक अस्पताल में कोविड पेशेंट के गहने चोरी हो जाने की खबर से पूरे अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है ।आपको बता दें कि एक स्थानीय जज की कोविड पेशेंट पत्नी की मौत के बाद डायमंड रिंग समेत सोने के गहने चोरी हो गए थे, पहले अस्पताल वाले टालते रहे, और फिर आखिरकार 15 दिन बाद FIR की गई है।
यहां जानिए क्या है पूरा मामला
यह घटना बिड़ला हॉस्पिटल में 29 अप्रैल को घटित हुई है,अस्पताल में कोविड पेशेंट महिला की मौत के बाद उसके सोने और डायमंड के गहने चोरी चले गए। घटना उपभोक्ता फोरम कोर्ट के जज के साथ हुई। मामला सामने आने के 15 दिन बाद रविवार को गोला का मंदिर थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। घटना 29 अप्रैल को बिड़ला अस्पताल की है।सचिन तेंदुलकर मार्ग स्थित टाउनशिप निवासी अरुण सिंह तोमर उपभोक्ता फोरम में जज हैं। 19 अप्रैल को उनकी पत्नी सरला तोमर की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हालत बिगड़ने पर पत्नी को बिड़ला हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। हॉस्पिटल में भर्ती करते समय सरला तोमर दोनों हाथ में सोने की अंगूठी, एक अंगूठी में डायमंड लगा था। इसके अलावा कान में टॉप्स, पैरों में पायल, बिछिया व नाक में लोंग पहने थीं।
कोविड बैग में लपेट कर दिया शव बाकी के गहने मिले गायब
29 अप्रैल की रात 11 बजे सरला देवी की मौत हो गई। परिजन को सूचना दी। इस पर जज का बेटा राघवेन्द्र सिंह हॉस्पिटल पहुंचे। यहां बकाया बिल 3.11 लाख रुपए भी जमा किए। उस समय तक महिला के शव को कोविड बैग में पैक कर मुक्तिधाम के लिए भेज दिया गया था। डॉक्टर ने एक लोंग व पायल परिजन को सौंप दी। शेष सामान उनके कपड़े के बैग में रखा होने की बात कही।इसके बाद, कोविड गाइडलाइन से महिला का अंतिम संस्कार कर दिया गया। दो से तीन दिन बाद जब परिजन ने उनका बैग खोला, तो उसमें गहने नहीं थे। साथ ही, पेशेंट का ऑक्सीमीटर व एक हजार रुपए नकदी भी गायब थे। पुलिस ने मामले में रविवार को जज के बेटे राघवेन्द्र सिंह की शिकायत पर बिड़ला हॉस्पिटल के अज्ञात वार्ड बॉय के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अब पुलिस CCTV कैमरों की फुटेज देखकर चोरी करने वाले की पहचान की जाएगमामले में इतनी देरी से FIR का कारण यह है, जब गहने बैग में नहीं मिले, तो जज के बेटे ने बिड़ला हॉस्पिटल प्रबंधन को मामले की सूचना दी। उन्होंने विश्वास दिलाया कि वह हॉस्पिटल में लगे CCTV कैमरों की फुटेज देखकर आरोपी को बेनकाब करेंगे। ऐसा हुआ नहीं। वह मामले को टालते गए। इसके बाद राघवेन्द्र ने थाने में शिकायत दर्ज कराई।