ये है सच्ची समाज सेवा...
अपनी एक्टिवा में सेनेटाइजर और पंप लेकर
रोजाना आम जगहों को करते है सेनेटाइज्ड
भोपाल-मध्यप्रदेश
वर्तमान में कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर रखी है और इसका सबसे ज्यादा असर आम जनता पर पड़ा है लेकिन यह एक आपदा की घड़ी है और इससे निपटने के लिए हर किसी को अपने अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए ताकि जल्द से जल्द इस महामारी से निजात मिल सके। वैसे तो इस महामारी से निपटने के लिए सरकार कई तरह के जतन कर रही हैं लेकिन इतने बड़े पैमाने पर हर व्यवस्था को दुरुस्त रखना सरकार के लिए भी मुश्किल है और यही कारण है कि समय-समय पर कई समाजसेवी संस्थाएं और आम आदमी भी अपने स्तर पर इस बीमारी से निपटने के लिए सेवाएं प्रदान करते हैं।
स्वयं के खर्चे से शहर को सैनिटाइज करने का लिया निर्णय
आज की अपनी इस कहानी में हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रहने वाले एक ऐसे आम इंसान की जो कोरोना महामारी मे अपने पूंजी से शहर को सेनेटाइज्ड करने प्रतिदिन घर से निकलता है ..
यह आम आदमी का नाम विजय अय्यर है जो कि रोजाना भोपाल की गलियों में कहीं ना कहीं निस्वार्थ भाव से सैनिटाइजर छिड़कते दिख ही जाता है
हालाकी राजधानी भोपाल काफी बड़ी है लेकिन यह शख्स अपनी हैसियत के अनुसार सैनिटाइजर और पंप लेकर रोजाना और आम जगह पर जाता है जहां पर ज्यादा आवाजाही होती है और फिर बिना किसी से कुछ बोले उस जगह को सेनेटाइज्ड करने का प्रयास करता है इसके पीछे मंशा सेल्फ यह हैं की कोई और आम जन संक्रमण की चपेट में ना आ जाए।
पिता को कोरोना में खोने के बाद पुत्र ने लिया निर्णय
आपको बता दें कि विजय अय्यर नामक यह शख्स एक मध्यमवर्गीय परिवार में रहता है और हाल ही में इसने अपने पिता को कोरोना संक्रमण के चलते खो दिया। इतना ही नहीं विजय की मां भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गयी। जिसे अस्पताल में बिस्तर ना मिलने के कारण विजय द्वारा घर में ही अपनी मां की सेवा की जा रही है। कोरोना के बढ़ते हुए संक्रमण ने विजय के अंतर्मन को इतना प्रभावित कर दिया की अब विजय चाहता है की कोई भी व्यक्ति इस संक्रमण की चपेट में ना आए इसलिए विजय ने अपने स्तर पर अपनी हैसियत के अनुसार ज्यादा आवागमन वाले स्थानों को सेनेटाइज्ड करने का फैसला किया है।
अपनी एक्टिवा को ही बना डाला सैनिटाइजर व्हीकल
विजय अय्यर ने एक्टिवा गाड़ी को कुछ इस तरीके से मॉडिफाइड कर दिया है कि वह अब सामान्य गाड़ी ना होकर सैनिटाइजर व्हीकल बन चुकी है। विजय ने अपनी गाड़ी में बकायदा कोरोना संक्रमण से बचने की अपील वाली तख्तियां भी लगा रखी है साथ ही सैनिटाइजर और पंप को वह गाड़ी में ही रख कर चलते हैं। विपत्तियों के बीच अय्यर ने अदम्य साहस का परिचय देते हूए .ईसानियत का जो सबक समाज को दिया है वो नीव का पत्थर है रोज अपनी स्कुटी पर सेनेट्रजर का पम्प लेकर मदिंर मस्जिद और गूरूद्धारा जा कर आम आदमी के सम्पर्क मे आने वाले स्थानों को सेनेटाइज करते है।