यह अस्पताल दे रहा CM शिवराज के आदेशों को चुनौती.....
कोरोना महामारी सेेेे प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेशभर के अस्पतालों को यह सख्त आदेश दिए हैं कि वे आयुष्मान कार्ड धारियों के लिए कोरोना का उपचार निशुल्क प्रदान करें प्रदेश भर में प्रशासनिक अधिकारी पूरे जोशो खरोश के साथ मुखिया शिवराज सिंह चौहान के इस आदेश का सख्ती से पालन करवा रहे हैं। लेकिन इस आपदा काल में कुछ ऐसी चिकित्सकीय संस्थान भी हैं जो ना तो नियमों को मानते हैं और ना ही मानवता को इतना ही नहीं वे तो डंके की चोट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेशों की भी खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं और इन सब के बीच हितग्राही सिर्फ और सिर्फ धक्के खाने को मजबूर है
ताजा मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सामने आया है जहां मुख्यमंत्री के गढ़ में ही निजी अस्पताल में मुख्यमंत्री के आदेशों को ही चुनौती दी जा रही है। मामला कोरोना संक्रमित मरीज के उपचार से जुड़ा हुआ है जहां पर मरीज के परिजनों ने आयुष्मान कार्ड के जरिए निशुल्क उपचार करवाने की मांग की थी। परिजनों की इस मांग पर बौखलाए अस्पताल प्रबंधन के लोगों ने ना केवल मरीज के परिजनों से बदतमीजी की बल्कि दो टूक शब्दों में यह बात भी बोल दी कि हम आयुष्मान कार्ड को नहीं मानते आपको जहां शिकायत करनी हो कर दो।
आपको बता दें कि यह पूरा मामला भोपाल स्थित उसी चिरायु अस्पताल का है जहां स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सत्ताधारी कई बड़े नेता इस अस्पताल की ब्रांडिंग करते नजर आ चुके हैं। गौरतलब हो कि शुरुआती तौर पर जब चिरायु अस्पताल को सरकार से एडवांस में फ़ंडिंग हो रही थी। तब चिरायु अस्पताल कोविड से ज़्यादा से ज़्यादा मरीज़ों को इलाज देकर ठीक होने का दावा करता था। लेकिन माहौल बदलते ही चिरायु अस्पताल प्रबंधन ने अपने तेवर ही बदल लिए।
कोरोना कहर के बीच चिरायु अस्पताल का अमानवीय चेहरा आया सामने आया है, जहां आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज कराने गए परिजनों के साथ बदसलूकी की गई है और आयुष्मान कार्ड के तहत इलाज करने से भी मना कर दिया गया, जबकि प्रदेश सरकार ने कोरोना मरीजों के लिए आयुष्मान कार्ड के तहत फ्री इलाज के लिए जिन अस्पतालों को चुना है, उनमें चिरायू अस्पताल का नाम भी शामिल है. इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन के एक कर्मचारी ने मरीजों के साथ अभद्रता करते हुए इलाज करने से मना कर दिया.। अस्पताल प्रबंधन द्वारा किए जा रहे अभद्र व्यवहार के दौरान मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन का वीडियो भी बना दिया। वीडियो बनाने के दौरान हद तो तब हो गई जब अस्पताल प्रबंधन का एक व्यक्ति को सामने आया और बड़ी बेबाकी से शिवराज के आदेशों को सिरे से नकारते हुए उल्टे ही अपना फरमान सुना दिया वीडियो में आप देखेंगे कि किस तरीके से अस्पताल प्रबंधन का यह व्यक्ति खुले तौर पर शिवराज के आदेशों को चुनौती देता नजर आ रहा है और साफ लफ्जो में मरीज के परिजनों को कह रहा है कि हमारे यहां आयुष्मान कार्ड से इलाज नहीं होगा आपको जिस से शिकायत करना हो कर दो
*अस्पताल में 19 अप्रैल को अपनी मां रूक्मणी बलवानी का इलाज कराने के लिए योगेश बलवानी ने उन्हें चिरायु अस्पताल में भर्ती करवाया था लंबा इलाज चलने के कारण योगेश के पास जो जमा पूंजी थी वह खत्म हो गई इस पर उसने अस्पताल के मैनेजर गौरव बजाज से आयुष्मान कार्ड स्वीकार्य करने की बात कही।*
*इस पर मैनेजर गौरव बजाज ने उन्हें यह कहकर बाहर कर दिया कि यहां आयुष्मान कार्ड स्वीकार्य नहीं किए जाते हैं। इस पर जब कारण पूछा गया तो योगेश ने कहा कि मैं तुम्हे जवाब नहीं दूंगा जिसे जवाब देना है उसे दूंगा सरकार को जवाब दूंगा इतना कहकर उसने गार्ड को बाहर निकालने के लिए कह दिया और वीडियो बंद करने के लिए भी कहा। यह वीडियो शुक्रवार रात 9 बजे का है जिसे 63 वर्षीय रूकमणी बलवानी के बेटे ने बनाया था। रविवार को रूकमणी बलवानी की मौत कोरोना के इलाज के दौरान हो गई।तब दोनों वीडियो वायरल हुए इस बारे में चिरायु अस्पताल प्रबंधन का पक्ष नहीं मिल सका है।
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