6 दिन से विरोध में बैठी हैं जबलपुर की नर्स
लेकिन सरकार ने नहीं ली सुध..
मध्य प्रदेश सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है अभी-अभी कोरोना के दांवपेच से निकली शिवराज सरकार चैन की सांस भी नहीं ले पाई थी कि जूनियर डॉक्टरों ने सरकार के सामने विरोध का बिगुल बजा दिया जिसे लेकर विपक्ष ने भी शिवराज सरकार को जमकर आड़े आड़े हाथ लिया जैसे तैसे मंत्रणा कर शिवराज सरकार ने रूठे हुए जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल तो खत्म करवा दी लेकिन सिर मुंडाते ही ओले पड़ने वाली कहावत एक बार फिर से मध्यप्रदेश में चरितार्थ हो गई और अब जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बाद प्रदेशभर के नर्सेज एसोसिएशन भी हड़ताल पर जाने का मन बना रहे हैं।
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले की बात की जाए तो यहां बीते 6 दिन से मेडिकल अस्पताल जबलपुर की नर्स एसोसिएशन अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध सप्ताह मना रही है। नर्सो के विरोध का आज 6 वां दिन है,अपने विरोध सप्ताह के दौरान आज जबलपुर मेडिकल अस्पताल की नर्सो ने विरोध सप्ताह के 6 वें दिन आंशिक काम बंद कर डीन कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया,दरअसल 6 दिनों से विरोध जता रही नर्सो की मांग है कि वह बीते 11 सालों से पेंशन,सेकेंड ग्रेड पदोन्नति और वेतन विसंगति,समेत 10 सूत्रीय मांग को लेकर गुहार लगाती आ रही है,लेकिन शासन के कानों में जू तक नहीं रेंगी,यही वजह है कि विरोध सप्ताह के दौरान हर दिन अलग अलग तरीके से विरोध जताया है,नर्सों का तर्क है कि वह लंबित 10 सूत्रीय मांगो को लेकर प्रदेश शासन से करीब 11 साल से गुहार लगा रही है,लेकिन राज्य शासन ने नर्सेज की इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया है,और उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग भटकाने का काम किया,नर्सेज एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल मे यमराज से लड़कर उन्होंने मरीजों को जीवन दान देने का काम किया है,लेकिन राज्य शासन उनकी मांगों के प्रति गंभीर नहीं है इसलिए उन्हें विरोध का रुख अख्तियार करना पड़ा है।
हर्षा सोलंकी
अध्यक्ष नर्स एसोसिएशन मेडिकल अस्पताल जबलपुर