कहाँ से आया ऑडियो...??
कुर्सी हिलाने..सवाल ही काफी है..
ऑडियो जांच के लिए CMHO का पत्र
टीकाकरण अभियान में पलीता लगाने और विभाग की छवि धूमिल करने वाला एक ऑडियो बीते दिनों जबलपुर जिले में जमकर वायरल हुआ। शुरुआती तौर पर तो यह एक शरारत समझ आयी। लेकिन सूत्र बताते है की ये एक मोडिफाइड ऑडियो हो सकता है। जिसे जानबूझकर वायरल करते हुए अपने टारगेट पर निशाना साधने के लिए छोड़ा गया था। लेकिन घटिया परफार्मेंस के चलते ये टारगेट से भटक गया। और अब इसे लेकर उठ रहे सवालों ने कई लोगों की रातों की नींद उड़ा दी है।बहरहाल इस ऑडियो को लेकर जबलपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर रत्नेश कुरारिया ने पुलिस अधीक्षक से इस ऑडियो की उत्पत्ति और यह कहाँ से वायरल हुआ इसकी विशेष जांच कराए जाने की मांग की है।
देशव्यापी कोरोना टीकाकरण अभियान में भ्रम फैलाने का मामला...
कोरोना संक्रमण से देश की जनता को बचाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर देश व्यापी कोरोना वेक्सिनेशन का अभियान चलाया जा रहा है। जिसे लेकर देश भर की मीडिया ने जागरूकता संदेश के तहत जानकारी दी थी कि यह वेक्सिनेशन अत्यंत जरूरी एवं पूर्णतः निशुल्क है। लेकिन इस अभियान के शुरुआती दौर से ही कुछ शरारती तत्व इस अभियान को बदनाम करने सोशल मीडिया में भ्रम फैलाने का काम कर रहे है। और इन सबके बीच जबलपुर जिले में पैसे लेकर वैक्सीन लगाने वाले ऑडियो का वायरल होना एक बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है।
विभागीय नोकझोंक का नतीजा तो नहीं है..ये वायरल ऑडियो...
गौरतलब हो कि जिला अस्पताल में NHM विभाग से जुड़े कुछ लोगों की कोरोना काल के दौरान भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायत हुई थी। सूत्र बताते हैं कि जांच के आदेश के बाद से ही विभाग के कई कार्यालयों में अधिकारी दो गुट में बंट गए थे। जिसमें एक तबका जांच को प्रभावित करने में जुटा हुआ था । तो वही दूसरा तबका सही ढंग से जांच हो इसके लिए प्रयास कर रहा था। माना जा रहा है कि इस ऑडियो क्लिपिंग के माध्यम से जांच की मांग उठाने वाले लोगों को भयभीत करने का खेल खेला गया है ताकि आने वाले समय में विभाग में हुए भ्रष्टाचार की शिकायतों को उजागर होने से रोका जा सके।
ऑडियो वायरल होने के कुछ घंटों पहले डीपीएम कार्यालय में क्या हुआ..??
सूत्रों की माने तो हो 31 मई की दोपहर को डीपीएम कार्यालय में विवाद होने की जानकारी प्राप्त हुई थी। इस दौरान डीपीएम की कार्यालय में किसी बात को लेकर के एक अन्य अधिकारी से जमकर नोकझोंक भी हुई। जिसे लेकर नौबत हाथापाई पर भी उतर आई। हालांकि विकास की कलम इस बात की पुष्टि नहीं करती लेकिन ठीक इसी घटना के कुछ देर बाद एक ऑडियो वायरल होने की खबर जंगल में आग की तरह फैल जाती है। और आनन-फानन में कुछ पत्रकार तत्काल ही ऑडियो को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारी से पूछताछ करने भी पहुंच जाते हैं। लेकिन ताज्जुब की बात है कि जिन पत्रकारों को ऑडियो के वायरल होने वाली गुप्त खबर की जानकारी तत्काल लग जाती है वह पत्रकार डीपीएम कार्यालय में हुई नोकझोंक से अनजान रह जाते हैं। हालांकि इस ऑडियो को लेकर के डीपीएम कार्यालय में हुई नोकझोंक का कोई वास्ता है या नहीं यह जांच का विषय है । इन सबके बीच क्योंकि मामलाा कोरोना वैक्सीनेशन जैसे गंभीर मुद्दे पर आधारित है इसलिए विभाग ने सख्त एक्शन लेते हुए इसकी विशेष जांच किए जाने की मांग की है।
CMHO ने भेजा SP को पत्र..
दिनांक 31 मई सायं 06.32 पर जबलपुर के ऑफीसियल पी.आर.ओ व्हाट्सएप ग्रुप मे कोविड टीकाकरण को लेकर आडियो रिकार्डिग शेयर की गई है प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि शरारती तत्वों द्वारा आडियो रिकार्ड कर राष्ट्रीय महत्व के कोविड टीकाकरण कार्यक्रम एवं स्वास्थ्य विभाग जबलपुर की छबि धूमिल करने के उददेश्य से किया गया है। कृपया साईबर सेल से उक्त आडियो बनाने एवं शेयर करने वालों के जानकारी प्राप्त कर।विधिसम्मत कार्यवाही करने का कष्ट करें। जिससे राष्ट्रीय महत्व के कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में व्यवधान उत्पन्न न हो सके।
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