Vikas ki kalam

दलित सरपंच ने फहराया तिरंगा तो पंचायत-सचिव ने मार दी लात..



दलित सरपंच ने फहराया तिरंगा तो
 पंचायत-सचिव ने मार दी लात..



सरपंच का आरोप दलित होने की वजह से झंडा फहराने के लिए  किया था मना...

दलित सरपंच सहित पत्नी एवं बहु के साथ कि गई मारपीट

बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं दलित समुदाय के लोग ओरछा थाना पहुंचे


छतरपुर(MP)

 मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक 15 अगस्त के दिन एक ऐसा मामला सामने आया है जोया दिखाता है कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी बुंदेलखंड में दलितों के हालात किस तरह के हैं|


छतरपुर जिले के धामची गांव में एक दलित सरपंच को सिर्फ इसलिए मारा गया क्योंकि वह दलित था और उसने सामान्य वर्ग के सचिव का इंतजार ना करते हुए झंडा फहरा दिया|


सरपंच हन्नु बसोर का आरोप है उसी की पंचायत में सचिव के पद पर पदस्थ सुनील तिवारी को 15 अगस्त के दिन उसका  कि झंडा फहराना न गवार गुजरा और उसे जाती सूचक शब्द कहते हुए उसे लात मार दी|घटना उस वक्त हुई जब सरपंच पंचायत भवन में झंडा फहरा रहा था आरोप है कि सचिव सुनील तिवारी ने उसे लात मारते हुए यह बात कही की तुम्हारी औकात नही झण्डा फहराने की|


सरपंच एवं उसकी पत्नी कट्टू बाई की माने तो दबंग सचिव ने उसके पति बहु एवं खुद उसके साथ मारपीट की है|


 घटना के बाद दलित सरपंच एवं उसकी पत्नी गांव के कुछ लोगों के साथ थाना ओरछा रोड पहुंची और आरोपी सचिव पर कार्यवाही की मांग करने लगी फिलहाल बड़ी संख्या में गांव के कुछ लोग एवं दलित नेता थाने में मौजूद है और आरोपी पर एससी एसटी एक्ट के तहत कार्यवाही की मांग कर रहे हैं|


मामले को लेकर फिलहाल थाना ओरछा रोड में कार्यवाही चल रही है लेकिन यह बात दर्शाती है कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी बुंदेलखंड में दलितों के हालात किस तरह के हैं आज भी बुंदेलखंड के कई गांव में दलित सरपंचों को न सिर्फ दबाया जाता है बल्कि झंडा फहराने पर लात घुसा से मारपीट की जाती है|


हन्नु बसोर (दलित सरपंच)


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