जबलपुर RBSK के तहत बच्चों को मिलेगा
जन्मजात विकृति के अविशाप से निजात...
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जबलपुर से सटे डिंडोरी जिले के 8 बच्चों को जन्मजात विकृति से निजात मिल सकेगी। इतना ही नहीं उपचार एवं उस दौरान मरीज एवं उनके परिजनों की तमाम व्यवस्थाएं भी जबलपुर स्वास्थ्य विभाग द्वारा निशुल्क की जाएगी।
दरअसल आरबीएसके द्वारा क्लब फुड यानी ऐसे बच्चे जिन्हें जन्मजात हाथ पांव में टेढ़ेपन की विकृति होती है। उसके उपचार की निशुल्क व्यवस्था की है। इसकी कड़ी में आरबीएसके की टीम ने ढिंढोरी जिले के ग्रामीण अंचलों में सर्वे के दौरान ऐसे बच्चों को चिन्हित किया। चूंकि ढिंढोरी जिले में उनके उपचार की समुचित व्यवस्था नहीं थी। लिहाजा टीम ने जबलपुर जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुभाष शुक्ला से संपर्क किया।
जिसके बाद जिला कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, एवं संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर डॉ संजय मिश्रा के मार्गदर्शन में CMHO रत्नेश कुरारिया के साथ मिलकर उपरोक्त टास्क की रणनीति तैयार की।
डॉ ऋषिकेश सिंह (RBSKMO)
शनिवार की सुबह तयशुदा कार्यक्रम के तहत विशेष वाहन व्यवस्था से बच्चों एवं उनके परिजनों को ढिंढोरी जिले से जबलपुर विक्टोरिया जिला चिकित्सालय लाया गया। जहाँ संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर डॉ संजय मिश्रा ने बच्चों एवं उनके परिजनों से मुलाकात की।
डॉ संजय मिश्रा (संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर संभाग)
अपने बच्चे की जन्मजात विकृति को लेकर उनके परिजन काफी दुखित थे। क्योंकि अक्सर ऐसे उपचार काफी महंगे होते है। और गरीबी की मार झेल रहे ग्रामीणों के लिए यह विकृति जिंदगी भर का अविशाप बन जाती है। लेकिन जैसे ही उन्हें इस बात का पता चला कि उनके बच्चे की विकृति दूर हो सकती है। और वो भी बिना किसी खर्च के
तो उनके चेहरे खिल उठे। उन्होंने इस योजना से जुड़े सभी अधिकारियों का धन्यवाद दिया है।
विवेक सिंह ठाकुर (विकृत बच्चे के परिजन)
इसके बाद मुख्य रूप से प्रशिक्षित अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नवीन कोठारी द्वारा बच्चों का विधिवत परीक्षण किया गया।
आप को बतादें की क्लब फूड बीमारी के उपचार के लिए पानसे-टी उपचार पद्धति का प्रयोग किया जाता है। जिसमे शुरुआती दौर में प्लास्टर द्वारा विकृत आग को व्यवस्थित करने का काम किया जाता है बाद में आवश्यकता पड़ने पर सर्जरी भी की जाती है।स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रम के तहत डॉ नवीन कोठारी को पानसे-टी पध्दति का विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है। ताकि जिले एवं आसपास के क्षेत्र के क्लब फुड बीमारी से जुड़े बच्चों को निशुल्क उपचार मिल सके।
सुभाष शुक्ला (जिला कार्यक्रम प्रबंधक)
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