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पांच बच्चों समेत 11 की मौत, गांववालों को इकट्ठा किया, हाथ बांधे और जिंदा जला दिया : म्यांमार सेना का घिनौना कृत्य

म्यांमार में सेना मानवाधिकारों का बार-बार उल्लंघन कर रही है। निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। नोबेल विजेता सू की को सजा होने के बाद एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इसे म्यांमार में स्वतंत्रता का दम घोंटने के लिए सेना के मकसद का ताजा उदाहरण बताया है।
लोकतंत्र समर्थकों को बंदूक के बल पर कुचल रही म्यांमार की सेना की तानाशाही बढ़ती ही जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार इस बार म्यांमार की सेना ने ग्रामीणों पर कहर बरपाया है। बताया जा रहा है कि म्यांमार की सेना ने पांच बच्चों समेत 11 ग्रामीणों को जिंदा जला दिया है। म्यांमार के उत्तर-पश्चिम के सगाइंग क्षेत्र के डॉन ताव गांव में जले हुए शवों की तस्वीरें और एक वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर फैल जाने के बाद घटना की जानकारी सामने आई।

वीडियो फुटेज भी आई सामने

इस वीडियो फुटेज को पुरुषों को गोली मारने और जलाने के कुछ ही समय बाद लिया गया था, वहीं कुछ पीड़ित कथित तौर पर उस समय भी जीवित थे जब वीडियो बनाया जा रहा था। एक फरवरी के तख्तापलट के बाद से इस क्षेत्र में सैन्य शासन के विरोधियों द्वारा स्थापित जुंटा की सेना और मिलिशिया के बीच भयंकर लड़ाई देखी गई है। वीडियो में देखा जा सकता है कि पहले सेना ने कुछ गांव वाले को इकट्ठा किया फिर हाथ बांध दिए और फिर आग के हवाले कर दिया।

संयुक्त राष्ट्र ने गहरी चिंता व्यक्त की

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने 11 लोगों की भीषण हत्या की रिपोर्टों पर गहरी चिंता व्यक्त की और इस तरह की हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए कहा, विश्वसनीय रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि मारे गए लोगों में पांच बच्चे भी शामिल थे।
अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं

11 लोगों की मौत कैसे हुई, इस बारे में स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है। समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को यह जानकारी एक व्यक्ति द्वारा दिया गया जो कि घटनास्थल पर गया था। आमतौर पर स्वतंत्र म्यांमार मीडिया द्वारा की गई घटना के विवरण से मेल खाता था।

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