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सरकार के 2022 के एजेंडे में बैंकिंग क्षेत्र में सुधार का एजेंडा प्रमुख होगाः वित्तमंत्री

 

सरकार के 2022 के एजेंडे में बैंकिंग क्षेत्र में सुधार का एजेंडा प्रमुख होगाः वित्तमंत्री




नए साल 2022 में सरकार के एजेंडे में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण और आईडीबीआई बैंक के रणनीतिक विनिवेश के साथ ही बैंकिंग क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार का एजेंडा प्रमुख होगा। जानकारों का कहना है कि कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रोन के फैलने पर थोड़ी
रुकावट आ सकती है। हालांकि महामारी की दूसरीलहर के प्रकोप के बावजूद बैंकिंग क्षेत्र ने गुजर रहे साल 2021 में काफी अच्छा प्रदर्शन किया।

सरकार की बहुआयामी रणनीति स्वीकरोक्ति, संकल्प, पुनपूंजीकरण और सुधार की मदद से बैंकिंग क्षेत्र का फंसा हुआ कर्ज (एनपीए) 31 मार्च 2021 तक घटकर 8,35,051 करोड़ रुपए रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की जुलाई 2021 में जारी वित्तीय स्थिरता
रिपोर्ट (एफएसआर) के अनुसार अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों का सकल एनपीए अनुपात मार्च 2021 के 7.48 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2022 में 9.80 प्रतिशत हो सकता है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का शुद्ध लाभ पहली तिमाही में बढ़कर 14,012 करोड़ रुपए हो गया और सितंबर 2021 को समाप्त दूसरी तिमाही में यह
आंकड़ा बढ़कर 17,132 करोड़ रुपए हो गया। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में इन बैंकों का कुल लाभ 31,114 करोड़ रुपए पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में अर्जित कुललाभ 31,820 करोड़ रुपए के
करीब है।

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