आम आदमी को दो दिनों में दो बड़े झटके लगे हैं। सोमवार को जहां खुदरा महंगाई बढ़ी थी, वहीं आज मंगलवार को आए थोक महंगाई के आंकड़ों ने हैरान किया है। जी हां थोक महंगाई में भी इजाफा हुआ है। सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर 14.23 प्रतिशत हो गई, जो अक्तूबर में 12.54 प्रतिशत थी।
लगातार आठ महीने से दोहरे अंकों में
मंगलवार को सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों को देखें तो अप्रैल से शुरू होकर लगातार आठ महीने से थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति दहाई अंक में बनी हुई है। इस साल अक्तूबर में महंगाई दर 12.54 फीसदी थी, यानी नवंबर महीने में इसमें 1.69 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
थोक महंगाई बढ़ने के प्रमुख कारण
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को महंगाई में इजाफे के ऊपर दिए अपने एक बयान में कहा कि नवंबर 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर, मुख्य रूप से पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में खनिज तेलों, मूल धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, रसायन और रासायनिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।
इन क्षेत्रों में महंगाई की मार
आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति बढ़कर 39.81 प्रतिशत हो गई, जबकि अक्तूबर में यह 37.18 प्रतिशत थी। खाद्य सूचकांक पिछले महीने के 3.06 प्रतिशत की तुलना में दोगुने से अधिक बढ़कर 6.70 प्रतिशत हो गया। समीक्षाधीन महीने में कच्चे पेट्रोलियम की मुद्रास्फीति 91.74 प्रतिशत रही, जबकि अक्तूबर में यह 80.57 प्रतिशत थी। हालांकि, विनिर्मित वस्तुओं में कमी दर्ज की गई है। यह अक्तूबर में 12.04 प्रतिशत की तुलना में 11.92 प्रतिशत दर्ज की गई।
खुदरा महंगाई 4.91 के स्तर पर पहुंची
सोमवार को खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए गए थे। अक्तूबर महीने की तुलना में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर आम आदमी को लगा झटका, खुदरा महंगाई बढ़कर 4.91 फीसदी पर पहुंच गई है। सरकार की ओर से खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। गौरतलब है कि खुदरा महंगाई में महीने-दर-महीने तेजी देखने को मिल रही है। इससे पहले अक्तूबर में खुदरा महंगाई का आंकड़ा 4.48 फीसदी था। नवंबर में भी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी से खुदरा महंगाई में इजाफा होने की बात कही जा रही है। हालांकि, यह अब भी आरबीआई के तय लक्ष्य के दायरे में है।