गोवा मुक्ति दिवस पर बोले मोदी..
सरदार पटेल होते तो पहले ही आज़ाद हो जाता गोवा..
पणजी
गोवा मुक्ति दिवस के 60वें वार्षिकोत्सव के मौके पर एक बार फिर भारत की स्वतंत्रता के समय की स्थिति का जिक्र किया गया। आजादी के बाद देश की विभिन्न रियासतों को एकजुट करने में तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल की बड़ी भूमिका थी। पीएम मोदी ने उनके निधन के कारण गोवा की मुक्ति में देरी का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल यदि कुछ और समय तक जीवित रहते तो गोवा पुर्तगाली शासन से बहुत पहले मुक्त हो गया होता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोवा मुक्ति दिवस की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर राज्य के एक दिवसीय दौरे पर गोवा पहुंच गए हैं।
आईएनएस हंसा नौसैनिक अड्डे पर गोवा के राज्यपाल पी.एस. श्रीधरन पिल्लई, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति ने उनका स्वागत किया।
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने गोवा को आजाद कराने के लिए भारतीय सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन विजय में शामिल स्वतंत्रता सेनानियों और भूतपूर्व सैनिकों को सम्मानित किया।
गोवा मुक्ति दिवस हर साल 19 दिसंबर को मनाया जाता है। भारतीय सशस्त्र बलों ने 1961 में इसी दिन गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया था।
जनता को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा,
भारत को गोवा के मुक्त होने से पहले ही आजादी मिल गई थी। इस देश के लोग स्वतंत्रता का आनंद ले सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। लोग असहज थे, क्योंकि भारत का एक हिस्सा (गोवा, दमन एवं दीव और दादरा एवं नागर हवेली) अभी भी विदेशी शासन के अधीन था। कई स्वतंत्रता सेनानियों ने गोवा के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए अपना सब कुछ छोड़ दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा,
ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि भारत सिर्फ एक राजनीतिक शक्ति नहीं, बल्कि एक ऐसा देश है, जो मानवीय मूल्यों की रक्षा करता है। देशवासी पूरे देश को एक परिवार मानते हैं। हमारे यहां ‘राष्ट्र पहले का दर्शन है। इस समय मैं यह कहना चाहूंगा कि अगर सरदार वल्लभभाई पटेल थोड़ा और समय तक जीवित रहते तो गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त होने के लिए इतना लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता। नेहरू मंत्रिमंडल में उपप्रधानमंत्री रहे पटेल का 15 दिसंबर 1950 को निधन हो गया था। उन्हें महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र को तत्कालीन निजाम शासन से आजाद कराने का श्रेय दिया जाता है।
मोदी ने उन स्वतंत्रता सेनानियों की भी सराहना की, जिन्होंने तटीय राज्य की आजादी के लिए संघर्ष किया। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के आजाद होने के बाद भी स्वतंत्रता सेनानियों ने गोवा को पुर्तगाली हुकूमत से मुक्त कराने की लड़ाई जारी रखी। उन्होंने सुनिश्चित किया कि भारत की स्वतंत्रता के बाद गोवा को आजाद कराने का संघर्ष रुके नहीं।