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दिल्ली रिंग रोड में दर्दनाक हादसा, डम्पर ने उजाड़ दिया पूरा परिवार

देश की राजधानी दिल्ली के आरके पुरम इलाके में बुधवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। गिट्टी (रोड़ी-बजरी) से भरा डंपर बराबर में चल रही आई-20 कार पर पलट गया। हादसे में कार सवार दंपती की दर्दनाक मौत हो गई जबकि उनकी छह साल की मासूम बच्ची जख्मी हो गई। मृतकों की शिनाख्त मनीष शर्मा (35) और इनकी पत्नी शिप्रा जोशी (32) के रूप में हुई है। हादसा इतना जबरदस्त था कि कार के परखच्चे उड़ गए। कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह दमकल विभाग की टीम और पुलिस ने कार काटकर शवों को बाहर निकाला। पुलिस के मुताबिक मूलरूप से करौली, राजस्थान के रहने वाले मनीष अपने परिवार के साथ नोएडा सेक्टर-107 स्थित सांई शरणम सोसायटी में रहते थे। इनके परिवार में पत्नी शिप्रा के अलावा छह साल की बेटी है। मनीष दक्षिण दिल्ली में एक निजी कंपनी में सीनियर लीगल एडवाइजर थे। इनके माता-पिता करौली में रहते हैं जबकि बड़े भाई आशीष शर्मा भिवाड़ी में रहते हैं। बुधवार को आशीष ने कॉल कर शाम का खाना साथ खाने के लिए कहा था।

कार के अगले हिस्से पर पलटा डंपर

मनीष बुधवार को ही दिन में अपनी सफेद रंग की आई-20 कार से भिवाड़ी गए थे। रात को खाना खाने के बाद वह भिवाड़ी से नोएडा के लिए निकले। जैसे ही यह रिंग रोड होते हुए हयात होटल, मुनिरका कट के पास पहुंचे, अचानक इनके बराबर में चल रहा बड़ा डंपर असंतुलित होकर इनकी कार के अगले हिस्से पर पलट गया। राहगीरों ने तुरंत करीब 12.00 बजे मामले की सूचना पुलिस को दी। इसके बाद तुरंत पीसीआर पहुंच गई। रिंग रोड पर एक केरिजवे पर ट्रैफिक रोक दिया गया। देर रात को क्रेन की मदद से पहले डंपर को हटाया गया।

सीएनजी सिलिंडर का वॉल निकलने से पहले हुआ धमाका

शुरुआती जांच के बाद पता चला है कि शायद डंपर के सीएनजी सिलिंडर का वॉल निकलने से पहले धमाका हुआ, इसके बाद डंपर अनियंत्रित होकर कार पर पलट गया। पुलिस हादसे के सही कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा आरोपी डंपर चालक की भी तलाश की जा रही है। पुलिस ने घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज में अपने कब्जे में ली है।

अंकल मेरे पापा कहां हैं, प्लीज बुला दो

अंकल मेरे पापा कहां हैं, मेरे पापा को बुला दो...। हादसे के बाद कार की पिछली सीट पर सो रही मिशिका की जैसे ही आंख खुली तो उसने खुद को कार में कैद पाया। मिशिका का एक पैर कार की पिचकी हुई छत में फंसा था। मासूम को शायद यह पता भी न था कि उसके माता-पिता कार की अगली सीट पर मृत हैं।

मिशिका कार से निकलने के लिए छटपटा रही थी। उसी दौरान बचाव दल वहां पहुंच गया। हालात कुछ इस तरह थे कि बिना कार से डंपर हटाए और कार को काटे मिशिका को सुरक्षित नहीं निकाला जा सकता था। पुलिस की मदद से दूर रात को घटना स्थल पर तीन हाईड्रॉलिक क्रेन को मौके पर बुलाया गया। पहले डंपर को कार पर से हटाकर किसी तरह कार की बॉडी को काटा गया। इसके बाद करीब पौने दो घंटे बाद मिशिका को सुरक्षित बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। करीब आधे घंटे बाद इसके माता-पिता के शवों को भी बाहर निकाल लिया गया।

कई किलोमीटर लंबा लगा जाम

हयात होटल, रिंग रोड पर हुए हादसे के बाद सड़क के दोनों ओर भारी जाम लग गया। धौलाकुंआ से आश्रम आने वाली सड़क को तो पूरी तरह बंद करना पड़ा। करीब सवा दो घंटे बचाव कार्य चलने के बाद सड़क पर फैली गिट्टी को हटाया गया। इस दौरान धौलाकुंआ तक जाम लगा रहा। दूसरा केरिजवे खुला तो था, लेकिन उस पर बस वाहन रेंग कर चल रहे थे। दूसरी ओर महारानी बाग तक वाहनों की कतार देखी गईं। 3.00 बजे के बाद ही सड़क पर यातायात सामान्य हो सका।

खबरों में जारी है...


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