केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी के साथ ही केन-बेतवा लिंक परियोजना का मुख्यालय झांसी में बनना तय हो गया। परियोजना को अमली जामा पहनाने के लिए स्पेशल व्हीकल परपज (एसपीवी) गठित की जाएगी। इसकी कमान मुख्य कार्यपालिक अधिकारी के पास होगी। इस पद पर केंद्र सरकार के अपर सचिव रैंक के अधिकारी तैनात होंगे। इनकी मदद के लिए पांच अलग-अलग अपर मुख्य कार्यपालिक अधिकारी भी होंगे। झांसी के एक्सईएन राघवेंद्र कुमार गुप्ता के मुताबिक एसपीवी का स्वरुप तय हो गया है। जल्द ही इसका भी गठन हो जाएगा। प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार 90 प्रतिशत धनराशि खर्च करेगी जबकि दोनों प्रदेशों को कुल दस प्रतिशत धनराशि का खर्च उठाना होगा।लिंक परियोजना का काम शुरू होने पर झांसी कार्यालय में करीब 200 अधिकारी एवं कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। परियोजना को वर्ष 2030 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है। करीब 44 हजार करोड़ की भारी-भरकम परियोजना को अमली जामा पहनाने की खातिर मध्यप्रदेश में भी एक कार्यालय खोला जाएगा। हालांकि उसका स्थान अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन छतरपुर में कार्यालय बनने की संभावना जताई जा रही है।
अलग-अलग जिम्मेदारी निभाएंगे अपर सीइओ
परियोजना नियंत्रित करने के लिए झांसी में मुख्यालय बनेगा। यहां सीईओ के साथ ही पांच अपर सीईओ तैनात होंगे। इनमें अपर सीईओ (प्लानिंग), अपर सीईओ (नहर परियोजना), सीईओ (पर्यावरण एवं भूमि अधिग्रहण), अपर सीईओ (इलेक्ट्रिक एवं मैकेनिकल), अपर सीईओ (मानव संसाधन) एवं निदेशक वित्त के पद होंगे। इनकी तैनाती के साथ ही यहां बड़ी संख्या में सहायक अभियंता एवं जूनियर अभियंताओं की तैनाती होगी। परियोजना में बरुआसागर के पास केन नदी को मिलाया जाएगा। यहां से इसे बेतवा नदी से जोड़ा जाएगा।
सर्वे पर ही खर्च हो गए 150 करोड़
केन-बेतवा परियोजना की पूरी सर्वे रिपोर्ट करने में करीब 150 करोड़ रुपये का खर्चा आया है। झांसी स्थित कार्यालय से वर्ष 2006 से यह कार्य लगातार चल रहा था। उसके बाद से अब तक यहां छह एक्सईएन तैनात रह चुके। सबसे पहले वर्ष 2006 में पीके मिश्र, डीके शर्मा, पीवी रामाराजू, डीके शर्मा, एके मधोक, डीके गोयल, सीपीएन सेंगर एवं अब राघवेंद्र कुमार गुप्ता की तैनाती रही।
अलग-अलग जिम्मेदारी निभाएंगे अपर सीइओ
परियोजना नियंत्रित करने के लिए झांसी में मुख्यालय बनेगा। यहां सीईओ के साथ ही पांच अपर सीईओ तैनात होंगे। इनमें अपर सीईओ (प्लानिंग), अपर सीईओ (नहर परियोजना), सीईओ (पर्यावरण एवं भूमि अधिग्रहण), अपर सीईओ (इलेक्ट्रिक एवं मैकेनिकल), अपर सीईओ (मानव संसाधन) एवं निदेशक वित्त के पद होंगे। इनकी तैनाती के साथ ही यहां बड़ी संख्या में सहायक अभियंता एवं जूनियर अभियंताओं की तैनाती होगी। परियोजना में बरुआसागर के पास केन नदी को मिलाया जाएगा। यहां से इसे बेतवा नदी से जोड़ा जाएगा।
सर्वे पर ही खर्च हो गए 150 करोड़
केन-बेतवा परियोजना की पूरी सर्वे रिपोर्ट करने में करीब 150 करोड़ रुपये का खर्चा आया है। झांसी स्थित कार्यालय से वर्ष 2006 से यह कार्य लगातार चल रहा था। उसके बाद से अब तक यहां छह एक्सईएन तैनात रह चुके। सबसे पहले वर्ष 2006 में पीके मिश्र, डीके शर्मा, पीवी रामाराजू, डीके शर्मा, एके मधोक, डीके गोयल, सीपीएन सेंगर एवं अब राघवेंद्र कुमार गुप्ता की तैनाती रही।
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