आँखों से उठाई सुई ,चाक़ू से लगाया काजल ,विजय दिवस पर हैरतअंगेज कार्यक्रम,
बैतूल मध्यप्रदेश
मध्य प्रदेश के बैतूल में भारत- पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना की गौरवशाली जीत के 50 साल पूरे होने के विजय दिवस मनाया गया । पूर्व सैनिक संघ ने शहीद जवानों को नमन करते हुए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। शहर में रैली निकाल कर कारगिल चौक पर शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित करने के पश्चात किराड़ समाज के मंगल भवन में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यहां बच्चों ने देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। इस दौरान युवक दीक्षांत ने हैरतंगेज़ कार्यक्रम प्रस्तुत किये उन्होंने अपनी आँखों से सुई उठाई ,और पैनी चाकू से काजल लगाया।
पूर्व सैनिक संघ बैतूल ने 1971 में शहीद हुए जवानों की शहादत की स्मृति में विजय दिवस की 50 वीं वर्षगांठ मनाई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल जेएस संधू शामिल हुए। कार्यक्रम में बैतूल जिले की समस्त वीर नारी, शहीदों के परिवार, पूर्व सैनिक परिवार शामिल हुए।
बैतूल कारगिल चौक पर रीत सेरेमनी का आयोजन किया गया। इसमें पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके पश्चात रैली निकाली गई। इसके पश्चात विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।कार्यक्रम में स्कूल के बच्चों ने एक से बढ़ कर एक देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। इन कार्यक्रमों को देख-सुन कर पूर्व सैनिक गर्व से भर उठे। एक युवक दीक्षांत ने जब चाकू से अपनी आंखों पर काजल लगाया तो देखने वालों की सांसें ही थमी रही । कार्यक्रम में शहीदों की माताओं को शाल-श्रीफल से सम्मानित किया गया।
जेएस संधू ( रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल)
जेएस संधू का कहना है कि आज का दिन बहुत खास है आज से 50 साल पहले पाकिस्तान की सेना ने हमारी सेना के सामने हथियार डाल दिए थे और एक नया देश बना था बांग्लादेश आज विजय दिवस का शानदार आयोजन हुआ।
कमला चौरे (शाहिद की माँ)
कमला चौरे का कहना है कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है उनके बेटे मैं बचपन से ही मातृभूमि के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा था हमारे बेटा ने हमारा सिर ऊंचा किया है उसने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किए हैं बेटे की कमी तो खलती है
सुदामा सूर्यवंशी (सचिव पूर्व सैनिक संघ)
सुदामा का कहना है भारत - पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सेना की गौरवशाली जीत को लेकर गौरव दिवस मनाया जाता है कार्यक्रम में 400 पूर्व सैनिको के परिवार शामिल हुए हैं)