किडनी बेचने निकला पीढ़ित..
सीएम शिवराज से मांगी इजाजत..
परिवार का भरण पोषण करने में है असमर्थ
आर्थिक समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति बेचने निकला किडनी,
बोला मैं अपनी किडनी बेचना चाहता हूँ,
मुख्यमंत्री के नाम का बैनर भी लगाया,
शासन की योजनाओं का नही मिल रहा लाभ,
8 माह पूर्व ईलाज के दौरान हो गया था पेरेलिसिस,
बच्चे पढ़ते है सरकारी व निजी विद्यालय में,
अब नहीं है भरण पोषण के भी पैसे,
देवास- मध्यप्रदेश
अपने परिवार का भरण पोषण करने की मांग को लेकर एक युवक अपनी किडनी बेचने का बैनर लगाते हुए स्थानीय एबी रोड़ स्थित मंडूक पुष्कर पर बैठा और उसने मुख्यमंत्री तक संदेश पहुंच जाए ऐसा एक बैनर भी बनवाया जिसमें उसने लिखवाया है कि मा. शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री मुझे किडनी बेचने की इजाजत दे ताकी मैं मेरे बच्चों को और मेरे परिवार को छत दे पाऊ और दो वक्त का भोजन खिला सकू,में लाचार हूँ, और मेरे छोटे-छोटे बच्चें है मुझे सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली।
दरअसल एक युवक जिसका नाम संतोष पिता नेमीचंद सोनी उम्र 45 निवासी ईटावा है सयाजी गेट के सामने मंडूक पुष्कर धरना स्थल पर बैठा है व उसे अपनी किडनी बेचना है। जब युवक से पूछा कि आखिर वह ऐसा क्यों करना चाहता है तो युवक ने विस्तार से बताया कि वह देवास शहर के इटावा में किराए के मकान में रहता है। कई दिनों से बीमार है उसके छोटे-छोटे तीन बच्चे हैं परिवार का भरण पोषण करने के लिए वह सक्षम नहीं है ना ही कोई रोजगार है वही उसे किसी प्रकार की कोई शासकीय योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा है जिसके कारण परेशान होकर युवक अपनी किडनी बेच कर परिवार का भरण पोषण व पक्का मकान बनाना चाहता है।
8 माह पहले तक सब ठीक था
संतोष सोनी ने बताया कि आठ माह पहले तक सब कुछ ठीक था लेकिन एक डॉक्टर की लापरवाही के कारण व गलत उपचार से उसे पैेरालिसिस की समास्या हो गई। पहले वह ट्रक चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था लेकिन अब वह काम करने में सक्षम नहीं है जिससे अपनी किडनी बेचना चाहता है। सोनी का एक बच्चा शासकीय स्कूल व दो बच्चें निजी स्कूल में पढ़ते है जिनकी फीस भरने के लिए स्कूल संचालक अब दबाव बना रहे है। सोनी ने बताया कि वह क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सहित कई जगह आर्थिक मदद के लिए गुहार लगा चुका है बावजूद उसे शासन की योजना का कोई लाभ नहीं मिला।