Vikas ki kalam

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से हुई मौतों पर गुजरात सरकार के आंकड़ों के विवाद में दखल देने से इनकार किया

नई दिल्ली । कोरोना से हुई मौतों पर मुआवजे के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के आंकड़ों में विवाद में दखल देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया खबरों पर कहा कि मौतों की रिपोर्टिंग कम हो सकती है या नहीं भी हो सकती है, हम ये नहीं कहेंगे लेकिन 10 हजार मौतें और इतनी बड़ी संख्या में जमा किए गए आवेदनों पर आम आदमी यही सोचेगा. हम इस विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नसीहत दी कि कोविड से हुई मौत के लिए मुआवजे के आवेदन बढ़ते हैं तो बढ़ने दें. सरकार आंकड़ों की चिंता ना करे.कल्याणकारी राज्य होने के नाते लोगों को मदद देने में ध्यान लगाएं.अगर कोविड से मौत पर मुआवजे के लिए आवेदनों की संख्या बढ़ती है तो हम संतुष्ट होकर सो सकते हैं.गुजरात सरकार ने अदालत में कहा कि मीडिया ने ऐसा बताया जैसे मौतों की कम रिपोर्टिंग हो रही है परन्तु यह सच नहीं है. मुआवजे के लिए कोविड की मौतों की गणना के लिए सामान्य आईसीएमआर दिशानिर्देशों की तुलना में कोविड से मौत का मानदंड का दायरा बहुत व्यापक है.पांच दिनों में आंकड़े और भी बढ़ गए हैं. जस्टिस एमआर शाह ने कहा क्योंकि किसी को कोविड हुआ,उसे बाद में दूसरी बीमारी विकसित हुई तो मौत का कारण फेफड़ों की समस्या या कुछ और बताया जा रहा है.इसलिए हमने कहा कि कोविड के बाद अन्य जटिलताओं से मरने वालों पर भी विचार करने की आवश्यकता है. हम यहां केवल यह देखने के लिए हैं कि सरकारें काम कर रही हैं. कुछ वर्गों को छोड़कर जिनका अपना एजेंडा है, जो इस बात से चिंतित हैं कि रिपोर्टिंग कम हुई या नहीं. हम इससे संबंधित नहीं हैं. हम केवल यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिले. अगर हमारे आदेश से एक लाख या पांच लाख लोगों को मदद मिलती है तो ये हमारे लिए संतुष्टि की बात है.कल्याणकारी राज्य होने के नाते आवेदनों की संख्या बढ़ेगी तो किसी को चिंता नहीं होनी चाहिये संख्या बढ़ती है तो बढ़ने दें. सुनवाई के दौरान गुजरात की ओर से बताया गया कि 40,467 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें से लगभग 23848 का भुगतान किया जा चुका है. 26836 आवेदनों को मंजूरी दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को कहा है कि शेष का भुगतान आज से एक सप्ताह के भीतर किया जाए. अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी.

एक टिप्पणी भेजें

If you want to give any suggestion related to this blog, then you must send your suggestion.

और नया पुराने