Vikas ki kalam,जबलपुर न्यूज़,Taza Khabaryen,Breaking,news,hindi news,daily news,Latest Jabalpur News

खटाई में जाते एमपी पंचायत चुनाव.. सुप्रीम कोर्ट करेगा अंतिम फैसला..

खटाई में जाते एमपी पंचायत चुनाव..
सुप्रीम कोर्ट करेगा अंतिम फैसला..



मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर अजीब सी कश्मकश बानी हुई है। मौजूदा हालातों की माने तो प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव खटाई में जाते नज़र आ रहे है। रविवार को कैबिनेट की बैठक में मप्र-पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 9(क) के अंतर्गत होने वाले पंचायत चुनाव के अध्यादेश को निरस्त करने का प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल को भेज दिया है। 

 सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मुलाकात की। देर शाम कैबिनेट के फैसले की अधिसूचना भी जारी कर दी गई। उधर निर्वाचन आयोग ने कहा- हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन अब अध्यादेश के वापसी से राज्य निर्वाचन आयोग के पास चुनाव कराने का आधार नहीं बचा है। राज्यपाल द्वारा प्रस्ताव पर मुहर लगाने के बादआयोग को चुनाव निरस्त करने पड़ सकते हैं।


गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मप्र सरकार पंचायत राज्य संशोधन अध्यादेश वापस ले रही है। इस विधेयक को विधानसभा से पारित होना था, लेकिन विस पटल पर रखने के बाद सरकार ने इसे पारित नहीं कराया।राज्य सरकार इस विधेयक के माध्यम से 2014 में हुए पंचायत चुनाव करा रही थी।


शिवराज सरकार ने जारी की अधिसूचना

मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) पर रोक लग गई, जिसके लिए शिवराज कैबिनेट (Shivraj Government) ने रविवार को प्रस्ताव पर मुहर लगाई. प्रस्ताव राजभवन भेजा गया और अध्यादेश वापस लेने की अधिसूचना भी जारी कर दी गई. बता दें सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल (MP Governor) से मुलाकात की थी. अब अगला कदम क्या होगा? इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commision) पंचायत चुनाव पर रोक की आधिकारिक घोषणा आज कर सकता है. इस बीच शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली पहुंच सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह, सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश सरकार के वकील और विधि विशेषज्ञों से चर्चा की. 


चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के पाले में डाली गेंद..

मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव को ले कर चल रही कशमकश के बीच खींचातानी का दौर जारी है। चुनावी तारीखों की घोषणा होने के बाद से ही चुनाव को लेकर संदेह की स्थितियां बन रही थी। क्योंकि अब स्थितियां कुछ कुछ साफ हो चली है तो ऐसे में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सर्वे सर्वा बनाते हुए अंतिम फैसले का फैसले दार बनाया है।

राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त बी पी सिंह के अनुसार राज्य सरकार ने क्या निर्णय लिए हैं इसकी विधिवत जानकारी अभी आयोग के पास नहीं है विधिवत जानकारी आने के बाद विधि विशेषज्ञों से बात की जाएगी इसके बाद सुप्रीम कोर्ट को सूचना प्रेषित की जाएगी चुनाव केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हीरो के जा सकेंगे क्योंकि चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है- 

बीपीसिंह, आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग


विपक्षी दल के दिग्गजों ने ट्विटर पर व्यक्ति की भावनाएं



मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में बनी परिस्थितियों को लेकर कहां है कि हम तो पहले से ही कह रहे थे की शिवराज सरकार असंवैधानिक तरीके से मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव कराने जा रही है और अध्यादेश को वापस लेने की यही मांग हम शुरुआत से करते आ रहे हैं अगर शिवराज सरकार पहले ही हमारी मांगे मान लेती तो आज यह स्थिति ना बनती और ओबीसी का हक ना छिनता..




वही खटाई में जाते मध्य प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव को लेकर बनी परिस्थितियों पर वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तंखा ने ट्वीट पर लिखा कि अगर यह सब खबर सही है तो ठीक कदम है सरकार ने ऑर्डिनेंस को लेप्स होने दिया। मेरा तर्क यही तो था लेकिन मेरे बारे में इतनी सारी अनर्गल बातें बोलने की जरूरत क्या थी संवाद सभ्य होना चाहिए मतभेद को  मनभेद नहीं बनाना चाहिए।

Post a Comment

If you want to give any suggestion related to this blog, then you must send your suggestion.

Previous Post Next Post