तमिलनाडु हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन के बाद सीडीएस जनरल बिपिन रावत को शुक्रवार को अंतिम विदाई दी गई। इस घटना में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई। जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर शुक्रवार को बेस हॉस्पिटल से उनके आवास पर लाया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, एनएसए अजीत डोभाल, कई केंद्रीय मंत्रियों और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी का करीब चार बजे अंतिम संस्कार होगा।
जनरल रावत के निधन से नरेंद्र मोदी सरकार के सामने रक्षा प्रतिष्ठान के पास अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) को तत्काल चुनने की चुनौती खड़ी हो गई है। मोदी सरकार ने सैन्य ढांचे में सुधार के लिए सीडीएस का पद बनाया था। पहले सीडीएस होने के नाते जनरल बिपिन रावत सेना में व्यापक सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2016 में उन्हें सेना प्रमुख के पद पर पदोन्नत किया गया था और सेवानिवृति से ठीक एक दिन पहले एक जनवरी 2020 को उन्हें पहला सीडीएस बनाया गया था। सीडीएस के रूप में उनकी नियुक्ति स्वाभाविक रूप से पूर्वी और पश्चिमी दोनों क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों से निपटने के उनके अनुभव को देखते हुए की गई थी।
आगे क्या
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार अगले सीडीएस की नियुक्ति एक हफ्ते में कर सकती है। सीडीएस के चयन के लिए कोई निश्चित नियम नहीं हैं। यह मुख्य रूप से एक निर्णय है जिसे सरकार सीमा सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में करती है। वायु सेना के पूर्व अधिकारियों के मुताबिक सीडीएस की नियुक्ति के लिए सरकार ने कोई रूलबुक सार्वजनिक नहीं किया है।खबरों में आगे है...