Omicrom के खतरे को भांपने में नाकाम रहा बाइडेन प्रशासन- कमला हैरिस
न्यूयॉर्क (एजेंसी)।
कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शुमार अमेरिका अब इसके नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के संकट से जूझ रहा है। अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने यूएस में ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते मामलों को लेकर बाइडेन प्रशासन की नाकामी को स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे को भांपने में नाकाम रही। एक मीडिया इंटरव्यू में उन्होंने यह बात कही। उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि वैज्ञानिकों के विश्वास दिलाने के बाद भी बाइडेन प्रशासन ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने की तैयारी नहीं कर सका। कमला हैरिस ने कहा कि,
हम डेल्टा वेरिएंट को आते हुए नहीं देख सके और ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे को भी नहीं भांप सके। यह इस भयानक वायरस की प्रकृति है और जैसा कि पता चला है कि इस नए वेरिएंट में कई म्यूटेशन है। जिन वैज्ञानिकों के विश्वास और मार्गदर्शन के आधार पर हम काम कर रहे थे बावजूद इसके अमेरिका की सरकार ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं कर पाई।
कमला हैरिस ने कहा कि यही हालात डेल्टा वेरिएंट के समय भी थे। जब हम वैज्ञानिकों की राय के बावजूद इस वेरिएंट के खतरे को भांप नहीं पाए। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का यह बयान उस वक्त आया है जब न्यूयॉर्क में शुक्रवार को एक दिन में कोविड-19 के 21 हजार मामले सामने आए हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
वहीं राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चेतावनी देते हुए कहा कि जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है उनके लिए सर्दी का यह मौसम गंभीर बीमारी और मौत का कारण बन सकता है। क्योंकि अमेरिका में ओमिक्रॉन के केस तेजी से बढ़ रहे हैं।
अमेरिका में सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने अनुमान जताया है कि आने वाले महीनों में कोविड-19 से
जुड़े केस और उससे होने वाली मौत के आंकड़े में वृद्धि होगी। एक अनुमान के तहत 8 जनवरी तक अमेरिका में
कोरोना महामारी से 40 हजार लोगों की मौत हो सकती है। अब तक तमाम वैज्ञानिक इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट कितना घातक हो सकता है क्योंकि इसमें कई म्यूटेशन हैं।
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