नए साल में चमकेगा सोना..
55 हजार से ऊंची होगी छलांग..
गुजरते साल की दूसरी छमाही में भले ही सोने की चमक थोडी फीकी पडी हो लेकिन आने वाले साल में इसके अपनी खोई चमक फिर से हासिल कर लेने की उम्मीद है। महामारी एवं मुद्रास्फीति से जुड़ी चिंताओं के बीच सुरक्षित निवेश माना जाने वाला सोना एक बार फिर 55,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच सकता है। वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान सोने ने खूब रफ्तार पकड़ी थी और यह 56,200 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव तक पहुंच गया था।
लेकिन वर्ष 2021 इसके लिए उतना अच्छा साल नहीं साबित हुआ। शेयर बाजारों में जारी तेजी के बीच सोने को लेकर निवेशकों का आकर्षण कम हो गया। इसी वजह से सोना इस समय करीब 48,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव पर कारोबार कर रहा है। यह भाव सोने के सर्वकालिक उच्च स्तर से करीब 14 प्रतिशत कम है और जनवरी 2021 की तुलना में भी चार प्रतिशत नीचे है।
इस गिरावट के बावजूद सोने का मौजूदा स्तर भी कुल अंतरराष्ट्रीय कीमतों की तुलना में तीन प्रतिशत अधिक है जिसके लिए अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपए की गिरती कीमत जिम्मेदार है। कामटेंड्ज के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ज्ञानशेखर त्यागराजन का मानना है कि सोने के भाव मध्यम अवधि में बढ़ने की उम्मीद है। मुद्रास्फीति से जुड़ी चिंताओं के अलावा कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर पैदा हुई अनिश्चितताएं भी इस तेजी को बल दे सकती हैं।
(सीईओ) ज्ञानशेखर त्यागराजन ने कहा,
'शेयर बाजारों में गिरावट का रुख रहने और महंगाई से मुकाबले के एक साधन के तौर पर सोने को मुफीद मानने की सोच के नाते इसे अच्छा समर्थन मिलेगा। अगर कोई भू-राजनीतिक तनाव आता है तो इसे और भी मजबूती मिल जाएगी।'
भारत में सोने के पहली छमाही में 45,000-50,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के दायरे में रहने और दूसरी छमाही में 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर पार कर जाने की उम्मीद है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटी) तपन पटेल ने कहा कि अमेरिका के मुद्रास्फीति आंकड़े और बांड प्रतिफल की स्थिति भी सोने को तेज कर सकती है विश्व स्वर्ण परिषद के क्षेत्रीय सीईओ (भारत) सोमसुंदरम पीआर का मानना है कि भारत ने हॉलमार्किग को अनिवार्य किए जाने से कारोबार पर संभावित असर को काफी कम कर दिया।