चीन कर रहा भारत की पेंगोंग झील में पुल निर्माण
जानिए मामले पर क्या कहता है विदेश मंत्रालय
नई दिल्ली,
पैंगोंग झील क्षेत्र में चीन द्वारा पुल बनाए जाने की खबरों पर आज विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार इस गतिविधि पर करीब से नजर रख रही है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह उन क्षेत्रों में बनाया जा रहा है जो लगभग 60 वर्ष से चीन के अवैध कब्जे में हैं। वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा हमारे सुरक्षा हितों की पूरी तरह से रक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है। सरकार ने पिछले सात वर्षों के दौरान सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
कथित तौर पर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के वीडियो पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस पर मीडिया में आई खबरें तथ्यात्मक रूप से सही नहीं हैं। भारत में मीडिया।घरानों ने दावे के विपरीत तस्वीरें जारी की है।
अरिंदम बागची ने कहा कि श्रीलंका प्रशासन द्वारा 18-20 दिसंबर के बीच तमिलनाडु के 68 मछुआरों और 10 नौकाओं को हिरासत में लिए जाने के मामले के संबंध में भारत सरकार ने श्रीलंका सरकार से बात की है। इन मछुआरों को जरूरत की सभी सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।
बागची ने आगे कहा कि कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने इन भारतीय मछुआरों की शीघ्र रिहाई का मुद्दा उठाया जिसके चलते 12 मछुआरों को रिहा किया जा चुका है। भारतीय उच्चायोग बाकी मछुआरों की जल्द से जल्द रिहाई के लिए प्रयास कर रहा है।
अरिंदम बागची ने यह भी दावा किया कि हमने अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के रूप में 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं के साथ जीवन रक्षक दवाइयों की आपूर्ति करने की प्रतिबद्धता की है।