कपड़ों पर नहीं बढ़ेगी जीएसटी
विरोध के बाद बैकफुट में सरकार
नई दिल्ली।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई जीएसटी काउंसिल इमरजेंसी मीटिंग में टेक्सटाइल पर टैक्स बढ़ाने का फैसला वापस ले लिया गया। वित्त मंत्री ने कहा,
आज की मीटिंग में तय किया गया कि टेक्सटाइल के जीएसटी रेट को रिव्यू के लिए रेशनलाइजेशन कमेटी के पास भेजा जाएगा। फरवरी में कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद फरवरी के आखिर में या मार्च की शुरुआत में कमेटी की रिपोर्ट पर मीटिंग में चर्चा होगी।
गौरतलब हो कि बीते दिनों सरकार ने टेक्सटाइल पर टैक्स बढ़ाने का फैसला लिया था। एक जनवरी से इसे लागू होना था।लेकिन कई राज्यों और इंडस्ट्री ने विरोध जताते हुये सरकार से टेक्सटाइल में प्रस्तावित बढ़ोतरी को वापस लेने का आग्रह किया था। बढ़ते खर्च और चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कोविङ-19 महामारी की दूसरी लहर के आर्थिक प्रभाव के कारण, सरकार कम राजस्व का सामना कर रही हैं।
सरकार ने बीते दिनों पेट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी भी कम की थी। इससे भी सरकार पर बोझ बढ़ा था। ऐसे में सरकार टेक्सटाइल पर जीएसटी बढ़ाकर राजस्व की स्थिति में कुछ सुधार चाहती थी।
जानिए जीएसटी बढ़ने से क्या होता नुकसान
क्लोदिंग आवश्यक वस्तु में शामिल है। होजरी मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन ने जीएसटी बढ़ाने के फैसले पर चिंता जताई थी।
होजरी मैन्युफैक्चरर का कहना था कि इससे आम आदमी प्रभावित होगा और एमएसएमई सेक्टर को भी इससे नुकसान होगा।
देश के कपड़ा उत्पादन में असंगठित क्षेत्र का 80 प्रतिशत से ज्यादा का योगदान है। इससे बुनकरों को नुकसान होता।
कोरोना महामारी से पिछले 2 सालों में काफी नुकसान हुआ है। जीएसटी बढ़ाने की घोषणा से रिकवरी प्रभावित होती।