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जानिए कैसे पहचानेंगे ओमिक्रोन-डेल्टा-वीटा वैरिएंट

जानिए कैसे पहचानेंगे ओमिक्रोन-डेल्टा-वीटा वैरिएंट





कोरोना वायरस की दूसरी लहर को जब तक लोग भूला पाते कि देश में तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है। खास बात यह है कि उस वक्त डेल्टा वैरिएंट की भी सुगबुगाहट थी। देश दुनिया में डेल्टा वैरिएंट के केस मिल रहे थे।

इसी दौरान दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की सूचना ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी। ओमिक्रोन इतनी तेजी से फैला कि देखते- देखते दुनिया के कई मुल्क इसकी चपेट में आ गए। ओमिक्रोन इतना तेजी से फैल रहा था कि आनन-फानन में विश्व स्वास्थ्य संगठन को एलर्ट जारी करना पड़ा।


दिसंबर के दूसरे सप्ताह में डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि 89 देशों में ओमीक्रोन वैरिएंट की पहचान की जा चुकी थी। संगठन ने यह भी बताया कि यह उन स्थानों पर डेल्टा वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलता है, जहा संक्रमण का सामुदायिक स्तर पर प्रसार अधिक है। इसके मामले डेढ़ से तीन दिन में दोगुने हो जाते हैं।


डब्लूएचओ के बयान के बाद ओमीक्रोन को लेकर पूरी दुनिया में दहशत है। इस दौरान कई देशों में डेल्टा, ओमिक्रोन व बीटा के क्या खास लक्षण हैं। देश में कोरोना की तीसरी लहर शुरू होने के कुछ ही दिन बाद से दुनिया भर के चिकित्सकों को नए और पुराने वैरिएंट्स में अंतर समझ आने लगा।


डेल्टा की पहचान
डेल्टा वेरिएंट की पहचान करना बेहद आसान होता है इस वायरस के संक्रमण से नासा ग्रंथि काफी प्रभावित होती है जिसके चलते गंध की पहचान करना बेहद मुश्किल हो जाता है । इसके साथ ही मानव शरीर की स्वाद इंद्री भी प्रभावित होती है जिससे स्वास्थ्य की पहचान कर पाना नामुमकिन हो जाता है । कुल मिलाकर डेल्टा संक्रमण में गंध और स्वाद नहीं आने की परेशानी कामन थी,


ओमिक्रोन की पहचान


वहीं ओमिक्रोन में मरीजों को फ्लू जैसे लक्षणों का अनुभव हुआ। जो कि शुरुआती दौर पर एक आम बुखार की तरह समझ में आता है और इसमें सर्दी जुखाम जैसे लक्षण भी देखने को मिले हैं हालांकि इस पर अभी शोध जारी है और इससे संक्रमित हुए मरीजों को अभी तक किसी भी प्रकार की गंभीर परेशानी देखने को नहीं लगाई है। कोरोना के पिछले वैरिएंट्स में सूखी खांसी और बुखार मुख्य लक्षण थे।


ओमिक्रॉन का शुरुआती लक्षण गले में खराश और खुजली होना है। ये इसके इन्फेक्शन का मुख्य लक्षण भी है। शरीर में ये लक्षण आने के दो दिन बाद ही सर्दी, सिर दर्द और मांसपेशियों में दर्द होने लगता है। मोरेनो कहते हैं कि महामारी की शुरुआत में सूखी खांसी कोरोना का मुख्य लक्षण हुआ करती थी। ये लक्षण अब भी मौजूद है, लेकिन इसकी इंटेंसिटी काफी कम हो गई है। उनका मानना है कि वैक्सीनेशन से इम्यूनिटी मजबूत होने के कारण मरीजों को सांस संबंधी परेशानियां कम हो रही हैं।


वायरस से बचाव के लिए पहले जैसे ही मास्क पहनना है। सैनिटाइजर का प्रयोग करें और 6 फुट की दूरी बनाए रखें। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें। बस, ट्रेन और विमान यात्रा जितना हो सके कम करें।

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