प्रदेश में विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए सरकार फिर दो हजार करोड़ रुपये का ऋण लेगी। भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से यह ऋण 20 साल के लिए लिया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अब तक 18 हजार करोड़ रुपये का ऋण लिया जा चुका है। प्रदेश के ऊपर लगभग पौने तीन लाख करोड़ रुपये का ऋण हो चुका है।उल्लेखनीय है कि सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में चार प्रतिशत तक ऋण ले सकती है। वित्त विभाग अधिकारियों का कहना है कि इस दायरे में रहकर ही आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और विकास परियोजनाओं के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से ऋण लिया जाता है।
एकमुश्त चार हजार 473 करोड़ का ऋण लिया
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार ने मार्च 2021 में एकमुश्त चार हजार 473 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। इसके बाद से दो-दो हजार करोड़ रुपये ऋण लिया जा रहा है। इस बार दो मार्च को यह राशि मध्य प्रदेश को मिलेगी।
श्वेत पत्र जारी करे सरकार: कांग्रेस
उधर, मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर राज्य सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश के ऊपर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ता जा है। प्रति व्यक्ति 40 हजार रुपये से अधिक का ऋण हो चुका है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के अनुसार इस वर्ष सरकार कुल राजस्व का 12.72 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ ब्याज में व्यय कर रही है। उनके अनुसार प्रदेश के ऊपर ऋण का बोझ कम करने की जगह अब विभागों से कहा जा रहा है कि वे भी अपने स्तर पर ऋण प्राप्त करें।
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