वॉशिंगटन । यूक्रेन और रूस के बीच तनाव लगातार विश्व के लिए चिंता का विषय बना है। यूक्रेन को लेकर नाटो देशों और रूस के बीच तनाव पर पहुंच गया है। यूरोपीय देश जहां रूस से अपने राजनयिक वापस बुला रहे हैं, मास्को ने भी ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देशों से अपने राजनयिकों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है। यूक्रेन संकट को खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 62 मिनट तक चली वार्ता भी विफल हो गई है। बाइडेन ने चेतावनी दी कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो उसका बहुत तेजी से और करारा जवाब दिया जाएगा। उधर, रूस ने पलटवार करते हुए कहा है कि यूक्रेन को लेकर अमेरिका का 'उन्माद चरम पर' पहुंच गया है। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता ने बताया कि पुतिन ने बाइडन से कहा कि अमेरिका रूस की मुख्य चिंताओं को दूर करने पर ध्यान देने में असमर्थ रहा है। पुतिन ने कहा कि जटिल मुद्दों जैसे नाटो के विस्तार और यूक्रेन में आक्रामक सैनिकों की तैनाती के बारे में कोई भी संतोषजनक जवाब देने में असमर्थ रहा है। रूसी राष्ट्रपति ने पश्चिमी देशों के सैन्य हमले के दावे को भी खारिज कर दिया और कहा कि यह केवल अटकलें है।
बातचीत के दौरान बाइडन ने रूस के राष्ट्रपति से यूक्रेन की सीमा पर एक लाख से ज्यादा सैनिकों के जमावड़े को हटाने के लिए फिर से कहा। साथ ही रूस को चेतावनी दी कि अगर वह यूक्रेन पर आक्रमण करता है तो अमेरिका और उसके सहयोगी ‘दृढ़ता से जवाब देंगे और उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।’ बाइडन ने पुतिन से कहा, ‘आक्रमण का अंजाम व्यापक मानवीय पीड़ा होगी और रूस की छवि धूमिल’ होगी। साथ ही बाइडन ने पुतिन से यह भी कहा कि अमेरिका यूक्रेन पर कूटनीति जारी रखेगा लेकिन ‘अन्य परिदृश्यों के लिए भी समान रूप से तैयार है’। यूक्रेन संकट के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच फोन पर 62 मिनट तक बातचीत हुई। दोनों नेताओं के बीच बातचीत तब हुई जब बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए आगाह किया कि रूस कुछ ही दिन में और बीजिंग में चल रहे शीत ओलंपिक के 20 फरवरी को समाप्त होने से पहले आक्रमण कर सकता है। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर एक लाख से ज्यादा सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है और पड़ोसी देश बेलारूस में युद्धाभ्यास के लिए अपने सैनिक भेजे हैं। हालांकि रूस लगातार इस बात से इनकार करता रहा है कि वह यूक्रेन पर आक्रमण करने वाला है।
इस बीच एक जर्मन अखबार के अनुसार रूस 16 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण करने की योजना बना रहा है। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस, सीआईए और पेंटागन के बारे में कहा जाता है कि उन्हें ‘असाधारण रूप से विस्तृत’ आक्रमण योजना की जानकारी मिली है, जिसे 16 फरवरी को निर्धारित किया गया है। योजनाओं को बाइडेन की सरकार को सौंप दिया गया था और नाटो सहयोगियों के साथ गुप्त ब्रीफिंग की एक श्रृंखला में चर्चा की गई थी। कहा जाता है कि उनमें विशिष्ट मार्ग होते हैं जिन्हें व्यक्तिगत रूसी इकाइयों द्वारा लिया जा सकता है और विस्तार से बताया जाता है कि वे संघर्ष में क्या भूमिका निभा सकते हैं। डेर स्पीगल का सुझाव है कि अमेरिका इस बात पर विचार कर रहा है कि क्या योजनाओं को सार्वजनिक किया जाए ताकि उन्हें कमजोर किया जा सके। वाइट हाउस ने पुष्टि की है कि बाइडेन और पुतिन आज फोन पर हजारों ब्रितानियों और अमेरिकियों को यूक्रेन से बाहर निकलने की चेतावनी दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद संकट पर चर्चा करेंगे, क्योंकि तनाव उबलते बिंदु पर पहुंच गया था। यह चेतावनी इस आशंका के बीच आई है कि पुतिन कीव में ‘हवाई बमबारी’ शुरू कर सकते हैं, जिससे बड़ी संख्या में नागरिक मारे जा सकते हैं। कई अन्य देशों ने अब अपने नागरिकों को बेल्जियम सहित देश से बाहर निकलने के लिए कहा है, जिन्होंने शनिवार को चेतावनी दी थी कि ‘अचानक बिगड़ने’ के बाद ‘निकासी की कोई गारंटी नहीं’ होगी, क्योंकि ‘इंटरनेट और टेलीफोन लाइनों सहित संचार लिंक गंभीरता से प्रभावित और हवाई यात्रा बाधित’ हो सकते हैं।
बातचीत के दौरान बाइडन ने रूस के राष्ट्रपति से यूक्रेन की सीमा पर एक लाख से ज्यादा सैनिकों के जमावड़े को हटाने के लिए फिर से कहा। साथ ही रूस को चेतावनी दी कि अगर वह यूक्रेन पर आक्रमण करता है तो अमेरिका और उसके सहयोगी ‘दृढ़ता से जवाब देंगे और उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।’ बाइडन ने पुतिन से कहा, ‘आक्रमण का अंजाम व्यापक मानवीय पीड़ा होगी और रूस की छवि धूमिल’ होगी। साथ ही बाइडन ने पुतिन से यह भी कहा कि अमेरिका यूक्रेन पर कूटनीति जारी रखेगा लेकिन ‘अन्य परिदृश्यों के लिए भी समान रूप से तैयार है’। यूक्रेन संकट के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच फोन पर 62 मिनट तक बातचीत हुई। दोनों नेताओं के बीच बातचीत तब हुई जब बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए आगाह किया कि रूस कुछ ही दिन में और बीजिंग में चल रहे शीत ओलंपिक के 20 फरवरी को समाप्त होने से पहले आक्रमण कर सकता है। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर एक लाख से ज्यादा सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है और पड़ोसी देश बेलारूस में युद्धाभ्यास के लिए अपने सैनिक भेजे हैं। हालांकि रूस लगातार इस बात से इनकार करता रहा है कि वह यूक्रेन पर आक्रमण करने वाला है।
इस बीच एक जर्मन अखबार के अनुसार रूस 16 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण करने की योजना बना रहा है। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस, सीआईए और पेंटागन के बारे में कहा जाता है कि उन्हें ‘असाधारण रूप से विस्तृत’ आक्रमण योजना की जानकारी मिली है, जिसे 16 फरवरी को निर्धारित किया गया है। योजनाओं को बाइडेन की सरकार को सौंप दिया गया था और नाटो सहयोगियों के साथ गुप्त ब्रीफिंग की एक श्रृंखला में चर्चा की गई थी। कहा जाता है कि उनमें विशिष्ट मार्ग होते हैं जिन्हें व्यक्तिगत रूसी इकाइयों द्वारा लिया जा सकता है और विस्तार से बताया जाता है कि वे संघर्ष में क्या भूमिका निभा सकते हैं। डेर स्पीगल का सुझाव है कि अमेरिका इस बात पर विचार कर रहा है कि क्या योजनाओं को सार्वजनिक किया जाए ताकि उन्हें कमजोर किया जा सके। वाइट हाउस ने पुष्टि की है कि बाइडेन और पुतिन आज फोन पर हजारों ब्रितानियों और अमेरिकियों को यूक्रेन से बाहर निकलने की चेतावनी दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद संकट पर चर्चा करेंगे, क्योंकि तनाव उबलते बिंदु पर पहुंच गया था। यह चेतावनी इस आशंका के बीच आई है कि पुतिन कीव में ‘हवाई बमबारी’ शुरू कर सकते हैं, जिससे बड़ी संख्या में नागरिक मारे जा सकते हैं। कई अन्य देशों ने अब अपने नागरिकों को बेल्जियम सहित देश से बाहर निकलने के लिए कहा है, जिन्होंने शनिवार को चेतावनी दी थी कि ‘अचानक बिगड़ने’ के बाद ‘निकासी की कोई गारंटी नहीं’ होगी, क्योंकि ‘इंटरनेट और टेलीफोन लाइनों सहित संचार लिंक गंभीरता से प्रभावित और हवाई यात्रा बाधित’ हो सकते हैं।