मुंबई। मुंबई की लोकल ट्रेन में सफर करने के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लेने की शर्त कायम है. यानि जिन लोगों का कंप्लीट वैक्सीनेशन हुआ है, वही मुंबई लोकल ट्रेन में सफर कर सकते हैं. महाराष्ट्र सरकार ने यह नियम कायम रखा है. शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. बताया गया है कि ना केवल मुंबई लोकल बल्कि सभी सार्वजनिक परिवहन से जुड़ी सेवाओं के इस्तेमाल के लिए कंप्लीट वैक्सीनेशन की शर्त कायम है. दरअसल मुंबई लोकल में सफर के लिए वैक्सीनेशन की सख्ती के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को इस बारे में फैसला सुनाया. राज्य सरकार की कोरोना प्रतिबंधों में ढिलाई देने से संबंधित नई गाइडलाइंस भी बुधवार को जारी की गई है. इसे 1 मार्च को तैयार कर लिया गया था. हाईकोर्ट के परमिशन से ही यह जारी की गई है. लेकिन कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को गाइडलाइंस को चुनौती देने का अधिकार दिया है. हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से यह सवाल भी किया कि, ‘एक तरफ तो आप कहते हैं कि कोरोना वैक्सीनेशन के लिए कोई जबर्दस्ती नहीं की जाएगी और दूसरी तरफ ऐसे हालात पैदा करते हैं कि वैक्सीन के बिना कोई रास्ता नहीं रह जाता है. लोंगों के मौलिक अधिकार का क्या?’ लेकिन महाराष्ट्र सरकार वैक्सीनेशन की शर्त हटाने के लिए तैयार नहीं हुई. आपको बता दें कि करीब दो साल होने को आए हैं लेकिन मुंबई लोकल के सफर को सबके लिए शुरू नहीं किया जा सका है. महाराष्ट्र को अनलॉक करने और कोरोना काल के प्रतिबंधों को हटाने के संबंध में महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को नई गाइडलाइंस जारी करने से पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में पेश किया. राज्य सरकार ने मुंबई लोकल के मामले में वैक्सीन की दोनों डोज की शर्त हटाने से साफ इनकार कर दिया. राज्य सरकार की नई गाइडलाइंस में मॉल्स, थिएटर्स, नाटकघर, पर्यनटन स्थलों में वैक्सीन की दोनों डोज की शर्तों को कायम रखा है. राज्य सरकार की कोरोना प्रतिबंधों से जुड़ी इस नीति को लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी भी जताई.
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