अफगानिस्तान में दो दिन बाद फिर आया भूकंप, पांच लोगों की मौत, 11 घायल,बुधवार तड़के इसी इलाके में आए 6 तीव्रता के भूकंप में मरने वालों की संख्या बढकर करीब 1,150 हो गई
काबुल।
अफगानिस्तान पिछले हफ्ते आए भूकंप की तबाही से अभी उबरा भी नहीं था कि शुक्रवार को एक बार फिर उसी पूर्वी हिस्से में भूकंप का झटका महसूस किया गया, जिसमें कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 11 लोग घायल हो गए। सरकारी समाचार एजेंसी ने यह जानकारी दी और कहा कि यह कम तीव्रता का भूकंप था। एजेंसी ने बताया कि बुधवार तड़के इसी इलाके में 6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें मरने वालों की संख्या बढकर करीब 1,150 हो गई है। भूकंप का झटका भयानक गरीबी से जूझ रहे दूरदराज के एक पहाड़ी क्षेत्र में महसूस किया गया। भूकंप ऐसे समय में आया है, जब पूरा देश आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा है। तालिबान के सत्ता में आने के बाद कई देशों ने महत्वपूर्ण वित्तपोषण और सहायता बंद कर दी। इससे स्थिति की गंभीरता बढ़ गई। पाकिस्तान के मौसम विभाग ने शुक्रवार को 4.2 तीव्रता वाले भूकंप आने की सूचना दी, वहीं सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि गायान जिले में भकंप में पांच और लोगों की मौत हो गई तथा 11 लोग घायल हो गए। सरकारी मीडिया के अनुसार पिछले हफ्ते आए भूकंप के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 1,150 हो गई है। ईंट और पत्थरों से बने घर भूकंप के कारण मलबे में तब्दील हो गए हैं और मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे 3.8 करोड़ की आबादी वाले देश में लाखों बच्चों के गंभीर कुपोषण की चपेट में आने का खतरा है।
पिछले दिनों आए भूकंप में करीब 3,000 मकान नष्ट हो गए या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। स्थानीय ‘रेड क्रीसेंट' और ‘वर्ल्ड फूड प्रोग्राम' जैसे सहायता संगठन सबसे कमजोर परिवारों को भोजन और अन्य आपातकालीन जरूरतों मुहैया करा रहे हैं। पिछली रिपोर्ट के अनुसार 1,000 लोग मारे गए थे और ताजा रिपोर्ट के अनुसार मृतकों की संख्या बढ़कर 1,150 हो गई है। कि कम से कम 1,600 लोग घायल हुए हैं। मानवीय कार्य के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने मरने वालों की संख्या 770 बताई है। गायान जिले में भूकंप से कम से कम 1,000 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। खोस्त प्रांत के स्पेरा जिले में 800 मकानों को नुकसान पहुंचा है, हालांकि आधुनिक इमारतें छह तीव्रता वाले भूकंप का सामना करने में सक्षम रहीं। जर्मनी, नॉर्वे और कई अन्य देशों ने घोषणा की कि वे भूकंप प्रभावितों के लिए सहायता भेज रहे हैं, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे केवल संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के माध्यम से काम करेंगे, तालिबान के साथ नहीं, जिसे अब तक किसी भी सरकार ने आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है। भोजन और अन्य आवश्यक सामग्री से भरे ट्रक पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान पहुंचे और मानवीय सहायता सामग्री से भरे विमान ईरान और कतर में उतरे। भारत ने कहा है कि उसकी सहायता सामग्री वहां मौजूद एक संयुक्त राष्ट्र एजेंसी और अफगान रेड क्रिसेंट सोसाइटी को सौंपी जाएगी।
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