रवि नटवरलाल की मंगेतर भी गिरफ्तार, कई फर्जी कंपनियां खोलने का आरोप
नई दिल्ली।
भारत में अवैध रूप से रह रहे चीनी नागरिकों और चीनी जासूसों के मददगार रवि नटवरलाल ठक्कर की मंगेतर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसे अदालत में पेश किया गया, जहां उसे जमानत दे दी गई। मूल रूप से हिमाचल प्रदेश निवासी डॉ. इब्बानी पर रवि को शरण देने का आरोप है। वह दिल्ली स्थित एक अस्पताल में कार्यरत है। वहीं, इस मामले की जांच कर रही एसटीएफ ने गौतम बुद्ध नगर के जिला न्यायालय में रवि को पेश कर उसकी सात दिन की रिमांड मांगी है।
रवि को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया था। इस मामले की जांच एसटीएफ (विशेष कार्य बल) को सौंपी गई है। एसटीएफ की नोएडा ईकाई ने रवि की रिमांड मांगी थी। अधिवक्ता केके भाटी ने बताया कि पुलिस ने रवि की मंगेतर पर आईपीसी की धारा 212 के तहत मामला दर्ज किया था। बता दें कि 11 जून को भारत-नेपाल सीमा पर दो चीनी जासूसों को एसएसबी ने गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान पता चला कि वे काफी दिनों तक ग्रेटर नोएडा में रहे थे। दोनों चीनी जासूस ग्रेटर नोएडा के जिस होटल में रुके थे, वह रवि नटवरलाल का है।
इस मामले में नोएडा पुलिस ने चीनी जासूसों को शरण देने वाले चीनी नागरिक सु-फाई तथा उसकी महिला मित्र को भी गिरफ्तार किया था। रवि नटवरलाल फरार चल रहा था, जिसे पुलिस ने सोमवार देर रात को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तार लोगों से केंद्रीय खुफिया जांच एजेंसियां, पुलिस तथा एसटीएफ ने गहनता से पूछताछ की है। इनसे पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिसमें हवाला सहित विभिन्न माध्यमों से भारी रकम का आदान-प्रदान, कर चोरी तथा फर्जी कंपनियां खोलकर करोड़ों रुपए की हेरफेर करने सहित कई मामले सामने आए हैं। जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि भारत में रह रहे अवैध चीनी नागरिकों ने भारत की सुरक्षा में कहीं सेंध तो नहीं लगाई है।
इस मामले में नोएडा पुलिस ने चीनी जासूसों को शरण देने वाले चीनी नागरिक सु-फाई तथा उसकी महिला मित्र को भी गिरफ्तार किया था। रवि नटवरलाल फरार चल रहा था, जिसे पुलिस ने सोमवार देर रात को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तार लोगों से केंद्रीय खुफिया जांच एजेंसियां, पुलिस तथा एसटीएफ ने गहनता से पूछताछ की है। इनसे पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिसमें हवाला सहित विभिन्न माध्यमों से भारी रकम का आदान-प्रदान, कर चोरी तथा फर्जी कंपनियां खोलकर करोड़ों रुपए की हेरफेर करने सहित कई मामले सामने आए हैं। जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि भारत में रह रहे अवैध चीनी नागरिकों ने भारत की सुरक्षा में कहीं सेंध तो नहीं लगाई है।