रहस्मयी घाटी! जहां बदल जाती है तारीख, आखिर क्या है तैमारा घाटी का रहस्य
रांची-टाटा एनएच पर अवस्थित तैमारा घाटी इन दिनों मीडिया में सुर्खियों में है। इस मार्ग से गुजरने वाले कई लोगों ने यह अनुभव किया है कि तैमारा घाटी से गुजरने के वक्त मोबाइल के समय में परिवर्त्तन हो जाता है। इसे लेकर लोगों में कौतुहल का माहौल है और विशेषज्ञ भी इसकी छानबीन में जुट गये है।
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तैमारा घाटी में गुजरने वाले कई लोगों को अलग-अलग अनुभव हुए है। कुछ का कहना है कि गाड़ी की गति कुछ और होती है और स्पीडोमीटर कुछ और बताता है। कभी अचानक गाड़ी का क्लच प्लेट जाम हो जाता है और गाड़ी रूक जाती है। फिर थोड़ी देर में गाड़ी खुद-ब-खुद स्टार्ट भी हो जाती है। ऐसा लगता है कि यह क्षेत्र चुंबकीय है और इस क्षेत्र में मोबाइल समेत कई इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम प्रभावित होते हैं।
तैमारा घाटी में गुजरने वाले कई लोगों को अलग-अलग अनुभव हुए है। कुछ का कहना है कि गाड़ी की गति कुछ और होती है और स्पीडोमीटर कुछ और बताता है। कभी अचानक गाड़ी का क्लच प्लेट जाम हो जाता है और गाड़ी रूक जाती है। फिर थोड़ी देर में गाड़ी खुद-ब-खुद स्टार्ट भी हो जाती है। ऐसा लगता है कि यह क्षेत्र चुंबकीय है और इस क्षेत्र में मोबाइल समेत कई इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम प्रभावित होते हैं।
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रांची विश्वविद्यालय के भूगर्भ विभाग के व्याख्याता डॉ0 नितिश प्रियदर्शी का कहना है कि उन्हें भी इस तरह की विचित्र घटना की जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि एक दिन उनके एक मित्र ने ऐसी ही एक घटना की जानकारी देते हुए बताया कि रांची-टाटा रोड में रामपुर से बुंडू रोड में उनको एक फोन आया, वे कार चला रहे थे , इसलिए फोन नहीं उठा पाये, ये घटना 11 जनवरी 2022 की है, जब दुबारा फोन करने के लिए फोन को ऑन किया, तो तारीख देख कर चौंक गये, उसमें तारीख था अगस्त 27, 2023 और समय 3.45 श्ज्ञाम का। यानी डेढ़ साल के आगे के समय से ये फोन बाया। इस तरह की कई घटनाएं उनके विभिन्न मित्रों के साथ भी हुई।
डॉ. प्रियदर्शी ने बताया कि ये भी पता चला कि जहां पर ये घटना हुई, वहां की स्ट्रीट लाइट हमेशा कांपती है, जबकि इन लोगों की कार की स्पीड भी ज्यादा नहीं थी। उनका कहना है कि क्या वहां कोई चुम्बकीय विकिरण है, जो मोबाइल को प्रभावित करती है या फिर कोई काल और समय का मामला है? इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि जब कोई नए जगह पर गये, तो वहां लगेगा कि जैसे इस स्थान पर पहले भी आ चुके है। या किसी नये व्यक्ति से कोई मिलता है, तो यह महसूस होता है कि पहले भी उससे मुलाकात हो चुकी है। काल और समय के रहस्य पर आज भी षोध हो रहा है । वैसे भी तैमारा घाटी के रहस्यों पर बहुत सारी कहानियां विभिन्न सोशल वेबसाइट है। डॉ. प्रियदर्शी ने लोगों को यह सलाह दी है कि वे फोन पर आये तारीख को कहीं लिख लें और आने वाले समय में क्या होता है, उसके होने का इंतजार करें।
रांची विश्वविद्यालय के भूगर्भ विभाग के व्याख्याता डॉ0 नितिश प्रियदर्शी का कहना है कि उन्हें भी इस तरह की विचित्र घटना की जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि एक दिन उनके एक मित्र ने ऐसी ही एक घटना की जानकारी देते हुए बताया कि रांची-टाटा रोड में रामपुर से बुंडू रोड में उनको एक फोन आया, वे कार चला रहे थे , इसलिए फोन नहीं उठा पाये, ये घटना 11 जनवरी 2022 की है, जब दुबारा फोन करने के लिए फोन को ऑन किया, तो तारीख देख कर चौंक गये, उसमें तारीख था अगस्त 27, 2023 और समय 3.45 श्ज्ञाम का। यानी डेढ़ साल के आगे के समय से ये फोन बाया। इस तरह की कई घटनाएं उनके विभिन्न मित्रों के साथ भी हुई।
डॉ. प्रियदर्शी ने बताया कि ये भी पता चला कि जहां पर ये घटना हुई, वहां की स्ट्रीट लाइट हमेशा कांपती है, जबकि इन लोगों की कार की स्पीड भी ज्यादा नहीं थी। उनका कहना है कि क्या वहां कोई चुम्बकीय विकिरण है, जो मोबाइल को प्रभावित करती है या फिर कोई काल और समय का मामला है? इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि जब कोई नए जगह पर गये, तो वहां लगेगा कि जैसे इस स्थान पर पहले भी आ चुके है। या किसी नये व्यक्ति से कोई मिलता है, तो यह महसूस होता है कि पहले भी उससे मुलाकात हो चुकी है। काल और समय के रहस्य पर आज भी षोध हो रहा है । वैसे भी तैमारा घाटी के रहस्यों पर बहुत सारी कहानियां विभिन्न सोशल वेबसाइट है। डॉ. प्रियदर्शी ने लोगों को यह सलाह दी है कि वे फोन पर आये तारीख को कहीं लिख लें और आने वाले समय में क्या होता है, उसके होने का इंतजार करें।