विदेश से आने वालों को देना होगा सेल्फ डेक्लेरेशन फार्म, ताकि पता चल सके स्वास्थ्य की मौजूदा स्थिति
नई दिल्ली-विकास की कलम
कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार ने विदेश से आने वाले सभी यात्रियों के लिए एयर सुविधा सेल्फ डेक्लेरेशन फॉर्म भरना अनिवार्य कर रखा है ताकि उनके स्वास्थ्य की मौजूदा स्थिति का पता चल सके। अगस्त 2020 में कोरोना महामारी के चरम के दौरान एयर सुविधा पोर्टल को शुरू किया गया था।
उसके बाद अब कई देशों में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नियमों में ढील दी है। ऐसे में भारत सरकार भी एयर सुविधा फॉर्म भरने की अनिवार्यता से राहत देने पर विचार कर रही है, लेकिन जब तक यह नहीं हो जाता, इंटरनेशनल फ्लाइट से भारत आने वालों के लिए यह फॉर्म भरना जरूरी है। इस फॉर्म का रजिस्ट्रेशन नंबर देने के बाद ही एयरलाइंस से बोर्डिंग पास जारी किया जाता है।
इस फॉर्म को भरने के लिए कुछ एहतियात रखनी जरूरी है ताकि आपकी फ्लाइट न छूट जाए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन देशों की लिस्ट बना रखी है, जहां से आने वाले यात्रियों को या तो नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अपलोड करनी होगी या फिर कोरोना वैक्सीन की पूरी डोज लेने का सर्टिफिकेट दिखाना होगा। ये नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट यात्रा से 72 घंटे से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए। इन देशों की लिस्ट यहां से डाउनलोड की जा सकती है। यात्री अगर इन देशों के अलावा किसी अन्य देश के भारत आ रहा है तो उसके लिए नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य है। ऐसे में यात्रा से पहले समय रहते आरटी-पीसीआर जांच करा लेनी चाहिए।
एयर सुविधा फॉर्म भरने की कोई समयसीमा नहीं है। लेकिन यात्रा के लिए एयरपोर्ट रवाना होने से पहले सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि फॉर्म भर लिया गया हो। इससे एयरपोर्ट पर आखिरी समय में अफरातफरी से बचा जा सकता है। ध्यान रखें कि बिना इस फॉर्म के भरे बोर्डिंग पास जारी नहीं होगा। भारत आने वाले हर पैसेंजर के बारे में फॉर्म में जानकारी देना अनिवार्य है। पासपोर्ट की बेसिक डिटेल्स, फ्लाइट की डिटेल्स और सीट नंबर। अगर सीट नंबर अलॉट नहीं हुआ है तो 00 डाल दें, बाद में बोर्डिंग से पहले सीट नंबर अपडेट जरूर कर दें। इसके अलावा पासपोर्ट, वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट और जहां जरूरी हो, वहां नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अपलोड करनी होती हैं।
पोर्टल पर उपरोक्त सभी दस्तावेजों के पीडीएफ ही अपलोड करने होंगे। अगर आपके पास वर्ड, जेपीईजी, पीएनजी आदि फॉर्मेट में फाइल है, तो उसे ऑनलाइन पीडीएफ कन्वर्टर की मदद से कन्वर्ट कर लें। फाइल के नाम में स्पेशल कैरेक्टर नहीं होने चाहिए, जरूरी होने पर सिर्फ हाइफन (-) और अंडरस्कोर (_) ही दिए जा सकते हैं। फाइल नेम के बीच में स्पेस भी नहीं होना चाहिए। किसी भी डॉक्युमेंट फाइल का साइज एक एमबी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अगर इससे ज्यादा की फाइल होगी तो पीडीएफ कम्प्रेशर या कम्प्रेस पीडीएफ जैसे मोबाइल एप की मदद से उसका साइज घटाया जा सकता है।