डेमेज कंट्रोल की जुगत में जुटे कांग्रेस विधायक
सूची लाई बगावत की आशंका
जबलपुर, । शुक्रवार शाम तक टिकिट बांटने की तैयारी में उलझे रहे कांग्रेस विधायक एवं पदाधिकारी शुक्रवार रात से डेमेज कंट्रोल की तैयारी में जुट गये है। हर वार्ड में दो, तीन, चार को अलग अलग इशारा करके फार्म तो भरवा दिये गये हैं. लेकिन अब इनसे फार्म वापस उठवाना टेढ़ी खीर साबित होगा. शुक्रवार देर रात से कांग्रेस नेता नामांकन की अंतिम तिथि गुजरने के बाद होने वाली बगावत से निपटने की तैयारी करते नजर आए. १२ जून को जारी होने वाली कांग्रेस की लिस्ट शुक्रवार को देर शाम तक नदारद रही. इस एक हफ्ते में जहां दावेदार आपस में उलझे तो कार्यकर्ता आपस में लड़ते नजर आए.
अपने अपने वार्ड में नामांकन भरने वाले हर दावेदार ने ताल ठोंक दी है की फार्म एबी उसी का आना है. कई ने अपना जनसंपर्वâ भी शुरु कर दिया है. अब कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है की जिन्हें आश्वासन देकर टिकिट नहीं दिया है, उन्हें किसी तरह समझा बुझाकर बैठाना है. टिकिट घोषित करने में हुई देरी और बार बार बदली रणनीति का कुछ न कुछ खामियाजा तो सामने आएगा. कांग्रेस नेता और विशेषकर विधायक इस बात को समझ रहे हैं. इस लिये पूंâक पूंâक कर कदम रख रहे हैं. बागियों को समझाने का हर संभव प्रत्यन कर रहे हैं. इसमें दो राय नहीं अस्पष्ट नीतियों और देरी का खामियाजा कांग्रेस भाजपा दोनों को ही भुगतना है.
दावेदारों की भी अलग रणनीति.........
ऐसा नहीं है की रणनीति सिर्पâ पार्टी और संगठन के सतह पर ही बनी है. जमीनी स्तर पर भी कुछ प्रत्याशियों ने अपनी अपनी रणनीति बनाई है. जानकारी के मुताबिक कई ऐसे भी हैं, जिन्होंने सबको कांग्रेस का बताकर पहले ही निर्दलीय फार्म भरा है, तो कुछ ऐसे हैं जिन्होंने आप, मजलिस जैसी पार्टियों का दामन थामकर फार्म भी भर दिया है. बस अपना पत्ता नहीं खोला है. जिस तरह कांग्रेस ने अपने पत्ते अंतिम समय में खोले हैं, उसी तरह कुछ ऐसे दावेदार भी हैं. जो अपने पत्ते प्रत्याशियों की लिस्ट से अपना नाम कटने के बाद ही खोलेंगे. वहीं कुछ ऐसे भी जिनके किसी भी हाल में चुनाव लड़ने की बात २२ जुलाई की शाम को सामने आएगी.