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हिंदुस्तान यूनिलीवर बिहार में करेगी 36 हजार करोड़ का निवेश, मिली स्वीकृति

 हिंदुस्तान यूनिलीवर बिहार में करेगी 36 हजार करोड़ का निवेश, मिली स्वीकृति

Hindustan Unilever will invest 36 thousand crores in Bihar



पटना ।
 बिहार अब बीमार प्रदेश के तमगे से मुक्त होने जा रहा है यहां देश के कई उद्योगपतियों ने बिहार में निवेश की इच्छा जताई है। इससे बिहार में अगले कुछ सालों में लाखों युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना प्रबल हो गई है। बता दें कि अब हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी बड़ी कंपनियों ने अब बिहार में 500 करोड़ से अधिक के निवेश की इच्छा जताई है। अडानी समूह पहले से ही बिहार में निवेश के लिए जमीन तलाश रही है। अब हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी विदेशी कंपनियां भी बिहार में निवेश के लिए जमीन तलाशने का काम शुरू कर दिया है।




आपको बता दें कि हाल के दिनों में बिहार में कई उद्योग-धंधों की शुरुआत हुई है। इसके लिए बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन लगातार प्रयास कर रहे हैं। पिछले दिनों ही कोलकाता में निवेश मीट में केवंटर्स एग्रो ने 600 करोड़ और जेआईएस ग्रुप ने 300 करोड़ का निवेश प्रस्ताव बिहार सरकार को दिया था। पेप्सी और आईटीसी जैसी कंपनियां पहले ही निवेश कर काम शुरू कर दिया है।
बिहार किस स्तर का उपभोक्ता बाजार बनता जा रहा है, यह हाल के दिनों में उद्योगपतियों के इच्छा से पता चल रहा है। देश के कई उद्योगपति अब बिहार को उत्पादक राज्य बनाने कि दिशा में लगातार निवेश कर रहे हैं। अभी हाल में बिहार के बेगूसराय में पेप्सी ने अपना प्लांट चालू किया है। इसके साथ ही आईटीसी पहले ही बिहार में काम कर रही है। ब्रिटानिया को राज्य सरकार उद्योग लगाने के लिए पहले जमीन आवंटित कर दी है। ब्रिटानिया बिहार में तकरीबन 700 करोड़ रुपये निवेश करने जा रही है। पिछले दिनों दिल्ली में हुई निवेशक सम्मेलन में एचयूएल और अडाणी समूह ने बिहार उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पैंड्रिक से मिलकर निवेश करने में अपनी दिलचस्पी दिखाई थी। एचयूएल ने एफएमसीजी यानी साबुन, तेल और इस तरह के अन्य उत्पादों के साथ फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर विचार कर रही है। इससे बिहार में लाखों युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है।



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