क्या है काला गेंहूँ,क्यों बढ़ रही है मार्केट में मांग जनिये पूरी जानकारी
किसानों का झुकाव काले गेहूं और काले धान की ओर बढ़ा है क्योंकि इससे बंपर कमाई होती है। बाजार में काले गेहूं की मांग बढ़ रही है। साधारण गेहूं के मुकाबले काले गेहूं 4 गुना आधिक कीमत में बिकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक बाजार में काला गेहूं 7 से 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिकता है जबकि सामान्य गेहूं 2 हजार रुपए प्रति क्विंटल है। काले गेहूं की खेती रबी मौसम में की जाती है।
जनिये कब होती है बुबाई,कितना फायदेमंद है काला गेंहूं
इसकी बुवाई के लिए नवंबर का महीना सबसे अच्छा माना जाता है। इसके लिए नमी बेहद जरूरी होती है। नवंबर के बाद काले गेहूं की बुआई करने पर पैदावार में कमी आ जाती है। काले गेहूं की खेती में जिंक और यूरिया डालना जरूरी होता है। एक अध्ययन के मुताबिक एक बीघे में 1000 से 1200 किलोग्राम तक काले गेहूं की पैदावार की जा सकती है।
काले गेहूं में एंथोसाइनीन पिगमेंट की मात्रा ज्यादा होती है। इसकी वजह से यह काला दिखाई देता है। सफेद गेहूं में एंथोसाइनीन की मात्रा 5 से 15 पीपीएम होती है जबकि काले गेहूं में यह मात्रा 40 से 140 पीपीएम होती है। काले गेहूं में एक नैचुरल एंटी ऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक एंथ्रोसाइनीन काफी मात्रा में पाया जाता है, जो हार्ट अटैक, कैंसर, डायबिटीज, मानसिक तनाव, घुटनों का दर्द, एनीमिया जैसे रोगों में काफी कारगर होता है। काले गेहं में कई पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। इसमें आयरन की मात्रा भी अधिक होती है। काले गेहूं कैंसर, ब्लड प्रेशर, मोटापा और मधुमेह के मरीजों के लिए वरदान माना जाता है।