कोरबा
कोरबा जिले में आपातकालीन स्थिति में मरीजों को लाने ले जाने के काम के लिए नेशनल एंबुलेंस सर्विस की सुविधा देशभर में प्राप्त हो रही हैं। 108 एंबुलेंस सर्विस के अंतर्गत कोरबा जिले में भी यह काम चल रहा है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों को इससे सहूलियत मिल रही है। इन सब के बीच एक एंबुलेंस ऐसी भी है जो नियत तकनीकी की बजाए धक्का मारने पर ही स्टार्ट होने के साथ आगे बढ़ पाती है। एनएएस के जिला प्रबंधक को जानकारी देने के बाद भी इसकी गड़बड़ी अब तक नहीं सुधारी जा सकी है।
कोरबा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दौड़ने वाली इस एंबुलेंस की स्थिति काफी दिनों से ऐसी ही है। इस एंबुलेंस को चलाने की जिम्मेदारी रंजीत कुमार को मिली हुई है। वे लंबे समय से इस समस्या को झेलने के लिए मजबूर है लेकिन कुछ कर भी नहीं पा रहे हैं। रंजीत बताते हैं कि दरअसल इसकी बैटरी खराब हो गई है और अब तक बदलाव नहीं हो सका है। ऐसे में हर बार कहीं भी जाने के दौरान इस एंबुलेंस को धक्का देना जरूरी हो जाता है।
कई बार ऐसा भी हुआ जबकि मरीज को लेने के लिए काफी दूर तक जाना पड़ा और फिर गाड़ी को स्टार्ट करने के लिए मरीजों के परिजनों की सहायता लेनी पड़ी। एंबुलेंस चालक मानते हैं कि आगे की कठिनाइयों से बचने के लिए काफी देर तक वाहन को स्टार्ट रखना पड़ता है और ऐसे में अनावश्यक ईंधन की खपत होती है। लेकिन कोई विकल्प है भी नहीं। बताया गया कि ड्राइवर साइड का दरवाजा किसी भी समय खुल जाता है और ऐसे में दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।
इस एंबुलेंस से जुड़ी दिक्कतों के बारे में सर्विस प्रोवाइडर एजेंसी के जिला प्रबंधक को बहुत पहले अवगत कराया जा चुका है लेकिन अब तक अपेक्षित सुधार नहीं हो सका है। इस स्थिति में कुल मिलाकर वाहन चालक को समस्याएं झेलनी पड़ रही है। बारिश के सीजन में आने वाली समस्याओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस दिशा में गंभीरता दिखाने की आवश्यकता है।