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'कसाब को भी इतनी सुरक्षा नहीं मिली थी जितनी बागी विधायकों को मिली'- आदित्य ठाकरे

'कसाब को भी इतनी सुरक्षा नहीं मिली थी जितनी बागी विधायकों को मिली'- आदित्य ठाकरे 



मुंबई, । महाराष्ट्र में 10 दिनों तक चले सियासी संग्राम के बाद वहां एक नई सरकार का गठन हो चुका है. अब एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री है. रविवार को शिवसेना के सभी बागी विधायक महाराष्ट्र विधानसभा में पहुंचे और विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हुआ. शिवसेना के युवा नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने बागी विधायकों को दी गई सुरक्षा की तुलना आतंकी कसाब से कर उनपर तंज कसा है. आदित्य ने कहा कि सदन में बागी विधायक नजर चुरा रहे थे. पिछले 10-15 दिनों में जो कुछ महाराष्ट्र की राजनीति में हुआ है मेरा सवाल यह है कि आज के युवा को क्या यह सब कुछ अच्छा लगेगा? चार्टर्ड प्लेन का पैसा आ कहां से रहा है इसका जवाब सत्ताधारी लोगों को देना चाहिए. सीएम साहब और मैं वक्त नहीं देते थे यह पुरानी स्क्रिप्ट है इसके पहले भी जब इस तरह की बगावत हुई है तो चेहरे दूसरे थे लेकिन कहा यही गया था.आदित्य ने कहा, सुप्रीम कोर्ट से हमें न्याय मिलेगा और हमारे खिलाफ मतदान करने वाले डिसक्वालीफाई होंगे।


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 विधानसभा अध्यक्ष की नियुक्ति पर जताई नाराजगी

रविवार को जो विधानसभा अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है वह हमारे व्हिप के खिलाफ हुई है. आज अध्यक्ष पद के चुनाव के मौके पर जो बागी या भागे हुए शिवसेना के विधायक है वह नजर चुरा रहे थे. विधायकों को कैदी बनाकर रखा है. कल सत्र खत्म होने के बाद पता नहीं वापस गुवाहाटी ले जाया जाता है या कहीं और ले जाते हैं. ऐसा लग रहा था जैसे विधायकों को यहां पर जबरदस्ती लाया गया हो. आतंकी कसाब को भी जितनी सुरक्षा नहीं थी उतनी सुरक्षा इन विधायकों को दी गई है.

अब असली शिवसेना को लेकर होगा घमासान

महाराष्ट्र की सियासी उठापटक के बीचे एकनाथ शिंदे गुट का कहना है कि उनके पास शिवसेना के ज्यादा विधायक हैं, इसीलिए उनके खेमे को असली शिवसेना की मान्यता मिलनी चाहिए. वहीं उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना नेताओं का कहना है कि पार्टी अब तक टूटी नहीं है, इसीलिए बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए. ऊंट किस करवट बैठेगा ये अभी निश्चित नहीं दिखाई दे रहा है. फिलहाल असली शिवसेना को लेकर शुरू हुई ये लड़ाई अब कोर्ट तक पहुंचेगी तभी इस बात का भी फैसला होगा कि असली शिवसेना का मुखिया कौन है? 

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