इधर मत-पेटियों में बंद है प्रत्याशी की किस्मत उधर राजनैतिक पंडित नतीजों का कर रहे गुणाभाग
जबलपुर ।
नगर निगम चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद ७९ वार्डों के पार्षद और नगर सत्ता के मुखिया महापौर को मतदाताओं ने मतपेटी में बंद कर दिया। आगामी १७ जुलाई को मतगणना के बाद नगर सत्ता व उसका मुखिया मतपेटियों से बाहर निकलेगा, लेकिन ये दो दिन चर्चाओं और अनुमानों से भरे होंगे। वार्डों के मतदान प्रतिशत को देखकर बूथ वाईज पड़े मतों के प्रतिशत के आधार पर प्रत्याशी व उनके समर्थक हारजीत का गुणा भाग करने में व्यस्त हो गए हैं। जहां तक सियासी हलकों की बात है तो दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस अब के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं।
मतदाताओं ने क्या फैसला दिया, यह अभी भविष्य के गर्भ मे है किन्तु राजनैतिक पण्डित प्रत्याशियों की वजनदारी और मतदान प्रतिशत व मतदाताओं के रूझान का अनुमान आदि-आदि बातें समीकरण में फिट कर चुनावी गुणा-भाग कर परिणाम निकाल रहे हैं। जबकि आम जनता को इससे कोई सरोकार नहीं है। आम मतदाता ने अपना पैâसला मतपेटियों में सुरक्षित कर दिया है, जो १७ जुलाई को सामने आयेगा। भारतीय जनता पार्टी खेमे का मानना है कि उनके ४५ वार्डों में भाजपा प्रत्याशी चुनाव जीत रहे हैं, जबकि महापौर पद का उम्मीदवार ५०-७० हजार मतों से चुनाव जीत रहा है। जबकि कांग्रेसी खेमे का यह दावा है कि बागी प्रत्याशियों से वार्डों में भाजपा को नुकसान हुआ है, कांग्रेस के ४० से ५० पार्षद चुनाव जीत रहे हैं और महापौर पद के प्रत्याशी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के मुकाबले अनुभवी होने के कारण मतदाताओं की पसंद रहे हैं। कांग्रेसी खेमे का मानना है कि उनका महापौर पद का प्रत्याशी २५ से ३० हजार मतों से चुनाव जीत जाएंगे। कांग्रेसी खेमा अपनी जीत का एक आधार नगर निगम में निवृत्तमान भाजपा की सत्ता द्वारा अनियोजित विकास बनाम विकास तथा प्रदेश सरकार की वायदा खिलाफी से मतदाताओं का रूष्ट होना भी मान रहे हैं। कांग्रेसी सर्वेयरों का यह अनुमान है कि नगर निगम चुनाव में सत्ता विरोधी रूझान स्पष्ट नजर आया है।