मंकीपॉक्स में मिल रहे ये घिनोने लक्षण,गुदा में दर्द और लिंग में सूजन आम लक्षण
नई दिल्ली । विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ताजा अध्ययन में मंकीपॉक्स के लक्षण कुछ अलग हैं। पिछली बार अफ्रीका में जब ये बीमारी फैली थी, तब के मुकाबले इसके लक्षणों में काफी अंतर दिख रहा है। इस बार गुदा में दर्द और लिंग में सूजन काफी आम लक्षण है, जो पहले नहीं थे। इसके अलावा वैज्ञानिकों को डर है कि बिना लक्षण वाले मंकीपॉक्स के मरीज भी बड़ी तादाद में ये बीमारी फैला सकते हैं।
इस स्टडी में लंदन में मंकीपॉक्स के 197 मरीजों पर शोध करके नतीजे निकाले गए हैं। ये सभी पुरुष हैं। इनमें से एक को छोड़कर बाकी सभी समलैंगिग हैं या एक से ज्यादा पुरुषों के साथ यौन संबंध बना चुके हैं। इस स्टडी में कहा गया है कि इस बार मंकीपॉक्स के मरीजों में जो सबसे आम लक्षण दिख रहा है, वो है गुदा में दर्द और लिंग पर सूजन । पिछली बार 2007 से 2011 के बीच कांगो में और 2017-18 में नाइजीरिया में जब ये बीमारी फैली थी तो ये लक्षण नहीं थे। इस बार प्राइवेट पार्ट्स पर 56 फीसदी और गुदा के आसपास 42 फीसदी घाव दिख रहे हैं जबकि कांगो में हाथ और सिर पर फफोले ज्यादा थे और नाइजीरिया में चेहरे, पैर और पेट पर जख्म वाले दाने नजर आए थे।रिपोर्ट में बताया गया है कि इस बार जख्म की संख्या में भी अंतर देखा गया है। लंदन में ज्यादातर मरीजों में औसतन 6 घाव मिले हैं, जबकि 2007-11 के कांगो प्रकोप में 370 तक घाव देखे गए थे।
पिछली बार जहां सभी घाव एक स्टेज से दूसरी स्टेज में बढ़ते मिले थे, इस बार ऐसा नहीं है। 2022 के लंदन और 2007 के कांगो आउटब्रेक में मरीजों के शरीर पर अलग-अलग साइज व आकार के घाव, लाल चकत्ते, द्रव से भरे फफोले और काले जख्म देखने को मिल रहे हैं, वहीं 2017 के नाइजीरिया आउटब्रेक में मवाद वाले घाव नजर आए थे।टीओआई की रिपोर्ट बताती है कि स्टडी के दौरान लंदन में इस बार मिले मरीजों में से 62 फीसदी ने बुखार, 58 फीसदी ने गांठों में सूजन और 32 प्रतिशत ने मांसपेशियों में दर्द की शिकायत की है। पिछली बार नाइजीरिया में आउटब्रेक के दौरान बुखार (88प्रतिशत), सिरदर्द (79प्रतिशत), गांठों में सूजन (69प्रतिशत) और मांसपेशियों में दर्द (63प्रतिशत) जैसे आम लक्षण थे। उससे पहले कांगो प्रकोप के दौरान बेचैनी (85प्रतिशत, गांठों में सूजन (57प्रतिशत), बुखार (45प्रतिशत) और पसीने आने (20प्रतिशत) जैसे लक्षण देखे गए थे।लंदन में मिले 36 फीसदी मरीजों ने गुदा का दर्द और 16 फीसदी ने लिंग में सूजन की शिकायत की है, जबकि कांगो और नाइजीरिया के मरीजों में ये लक्षण नहीं था।
गले की खराश, नाक से पानी आने जैसे लक्षण इस बार कम दिख रहे हैं। स्टडी से एक और महत्वपूर्ण बात निकलकर सामने आ रही है कि लंदन में मिले मरीजों में से करीब एक चौथाई ही ऐसे लोगों के संपर्क में आए थे, जिनमें मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई। इससे आशंका जताई जा रही है कि ऐसे लोगों भी बड़ी तादाद में हो सकते हैं, जिनमें लक्षण न हों या कम लक्षण हों और वो अनजाने में बीमारी फैला रहे हों। बता दें कि मंकीपॉक्स बीमारी दुनिया में तेजी से अपने पांव पसार रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बुधवार तक 78 देशों में 18 हजार से ज्यादा मंकीपॉक्स के मरीज मिल चुके हैं, जिनमें ज्यादातर यूरोप में हैं। इस बीच एक स्टडी से पता चला है कि इस बार